पंडित अजय: 2011 में नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया

पंडित अजय :ये कौन मुझे आया याद 2005 में आई ताजमहल ऐन इंटरनल लव स्टोरी में सैयद गुलरेज़ का लिखा और नौशाद साहब का संगीत बद्ध किया ये गीत आप ज़रा सुनके देखिए आप मजबूर हो जायेंगे इसे देखने के लिए क्योंकि इसे गाया है।
पंडित अजय या अजॉय चक्रवर्ती ने जो हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक , संगीतकार, गीतकार और पटियाला-कसूर घराने के प्रतिपादक हैं । उन्हें 2020 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण और 2011 में भारत का चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया

यह भी पढ़े :Delhi News: दिल्ली में रेल भवन के बाहर शख्स ने खुद को लगाई आग


वो उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली साहब और उस्ताद बरकत अली खानके नक्श ए क़दम पर चलकर और
पटियाला कसूर घराना की विशेषताओं और गुणों को साथ लेकर यहां तक पहुंचे हैं। तथा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय परम्परा के अन्य घराने, जैसे इंदौर, दिल्ली, जयपुर, ग्वालियर, आगरा, किराना, रामपुर तथा दक्षिण भारतीय कर्नाटकी संगीत की शैलियों का भी इनकी गायिकी में असर दिखता है।
आपका जन्म, 25 दिसंबर 1953 को कोलकाता में हुआ था। उनके परिवार ने, भारत विभाजन के समय, बांग्लादेश से पलायन करके, पश्चिम बंगाल के श्यामनगर में आकर बस गया था। उनकी परवरिश श्यामनगर में हुई, अजय जी के छोटे भाई गीतकार और संगीतकार हैं।
उन्होंने संगीत में अपनी कला स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई कोलकाता के जाने माने रबिन्द्र भारती विश्वविद्यालय से पूरी की उनके सबसे पहले गुरु, उनके पिता ही थे। उसके बाद उन्होंने अपने संगीत की तालीम पन्नालाल समान्त, कनैदास बैगारी और गुरु ज्ञान प्रकाश घोष जैसे गुरुओं से प्राप्त की।

उन्होंने अभी तक १०० से अधिक ऍल्बम प्रकाशित किए है

उन्होंने अभी तक १०० से अधिक ऍल्बम प्रकाशित किया है, जो भारत के अलावा संयुक्त राज्य, कनाडा, संयुक्त अधिराज्य और जर्मनी से प्रकाशित हुए हैं। जिनके गानों में अनेक विशुद्ध शास्त्रीय गायन शैलीयों और स्वरों का सम्मिलन पाया जाता है।
ख़याल गायिकी में इतनी उत्कृष्ट तालीम प्राप्त करने के बावजूद वे संगीत के कई सरल शैलियों में, जैसे: ठुमरी, टप्पा, भजन, कीर्तन, लोकसंगीत, फ़िल्मी गाने और आधुनिक गायन शैली में गाना भी पसंद करते हैं।
उनके गाए बंगाली गीत भी काफी लोकप्रिय हुए हैं उनकी श्रुतिनन्दन नाम की संगीतशाला है जहां उनके शागिर्दों की भीड़ देखते ही बनती है।
आपने चन्दना चक्रबर्ती से शादी की और आप दोनों की बेटी, कौशिकी चक्रबर्ती भी हम सबकी चहीती गायिका और शास्त्रीय संगीत की शिक्षिका हैं तो वहीं उनके बेटे , अनंजन चक्रबर्ती एक ध्वनि अभियंता हैं।
पुरस्कारों की बात करें तो:-
उन्हें पद्म श्री , संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार , कुमार गंधर्व राष्ट्रीय पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक पुरस्कार बंगाली फिल्म “छंदनीर” के लिए मिला और राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से भी नवाज़ा गया,2012 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें राज्य के दो सर्वोच्च पुरस्कारों, महा संगीत सम्मान और बंगा विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
वो इसी तरह स्वर लहरियों बिखेरते रहें इसी कामना के साथ जन्म दिन की उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *