शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में बीहर नदी के तट पर स्थित पौराणिक ‘पंचमठा’ मंदिर आए दिन असमाजिक तत्वों का मेला लगता है. जिसका डर वहां के पुजारियों के हमेशा रहता है. लेकिन हाल ही में जिस घटना का डर था वही हो गई. मंदिर के पुजारियों का कहना है कि चिग्गी खान नामक एक अपराधी प्रवृति का युवक मंदिर आए दिन मठ के पुजारियों के साथ गाली-गलौंच करता है. लेकिन शनिवार 11 मई की दोपहर उसने पुजारी की ऊंगली अपने दांतों से काट दी.
शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में बीहर नदी के तट पर स्थित रीवा का पौराणिक स्थल पंचमठा के आसपास असमाजिक तत्वों का मेला लगा रहता है. जिसकी वजह से आए दिन वहां कोई न कोई वारदात होती रहती है. दर्शनार्थियों को मठ तक जाने में भी डर लगता है. क्योंकि नदी के तट पर बैठे अपराधी प्रवृति के लोग दर्शनार्थियों के साथ छीना-झपटी कर उनसे मारपीट करते हैं. इस खतरे के माहौल का डर मठ के पुजारियों को आए दिन रहता है. लेकिन शनिवार 11 मई को वही हुआ जिसका डर पुजारियों को था.
दरअसल पंचमठा के प्रधान पुजारी ने बताया कि एक धर्म विशेष का युवक जिसका नाम चिग्गी खान है, आए दिन वह पुजारियों को गाली देता है. उनसे मारपीट करता है. शनिवार की दोपहर उसने मंदिर के अंदर प्रवेश करने की कोशिश की, जब उसे रोका गया तो वह नहीं माना। उसने गंदी-गंदी गालियां देनी शुरू कर दी और धर्म संबंधी अभद्र बातें पुजारियों से करने लगा. पुजारियों ने जब उसे बाहर करने का प्रयास किया, तो आरोपी चिग्गी खान ( निवासी घोघर ) ने एक पुजारी विजय कुमार गौतम के साथ मारपीट शुरू कर दी. इसके बाद उसने पुजारी की उंगली अपने दातों से काट दी. इसके बाद वहां से भाग गया.
मठ को बम से उड़ाने की धमकी दे चुका है आरोपी
मठ के प्रधान पुजारी भारत प्रसाद गौतम ने बताया कि घटना के बाद आरोपी की शिकायत पुलिस में की गई, लेकिन पुलिस द्वारा उसे मुचलके पर छोड़ दिया गया. इसके बाद वह दोबारा अपने साथियों के साथ मठ के अंदर पंहुचा और धर्म विरोधी गालियां देना शुरू कर दिया। साथ ही पुजारियों को उसने जान से मारने की धमकी दी इसके साथ ही मठ और वहां स्थित सभी मंदिरों को बम से उड़ाने की धमकी भी दी. आरोपी के इस कारनामे से पुजारियों के कहा कि हमारी जान को खतरा हो सकता है. हमने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है.
गायब रहती है डायल 100
पुजारियों ने बताया कि पंचमठा में पूर्व में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसमें असमाजिक तत्वों द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. साथ मठ के आसपास नशीले पदार्थों का सेवन किया जाता है. लेकिन पुलिस का वाहन डायल 100 की कभी कोई मूवमेंट नहीं होती है. यदि ऐसा ही रहा तो किसी न किसी दिन कोई और भी बड़ी घटना हो सकती है. पुजारियों द्वारा पंचमठा और उसके आसपास के क्षेत्र को असमाजिक तत्वों से मुक्त कराने की मांग की गई.
आदि शंकराचार्य ने की थी मंदिर की स्थापना
जानकारों के मुताबिक रीवा में बीहर नदी के तट पर स्थित पंचमठा की स्थापना लगभग 818 ई.पू. आदिगुरू शंकराचार्य ने की थी. लगभग 1200 वर्ष पहले देशाटन के लिए उत्तर से दक्षिण की ओर जाते समय आदिगुरु ने इस स्थान पर अपनी शरण स्थली बनाई। इसके बाद उन्होंने बीहर के तट पर ही पंचमठा की स्थापना की.