फिलिस्तीन में प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफ़ा दे दिया है.मीडिया हाउस अल जजीरा के मुताबिक प्रधानमंत्री मोहम्मद सातायेह ने कहा कि फिलिस्तानी गाजा पट्टी में भूख से तड़प रहे हैं.इजराइल लगातार हमले कर रहा है.इसीलिए मैंने अपना इस्तीफ़ा राष्ट्रपति को सौंप दिया है.
इस्तीफे में अमेरिका का हाथ!
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि इसमें अमेरिका का दबाव है क्योंकि अमेरिका फिलिस्तीन के राष्ट्रपति पर नया राजनीतिक ढांचा बनाने का दबाव डाल रहा है और इन्ही सब के बीच प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के इस्तीफे की वजह से इस बात पर और भी ज्यादा वज़न पड़ रहा है.
फिलिस्तीन अथॉरिटी का राष्ट्रपति प्रमुख
फिलिस्तीन अथॉरिटी का राष्ट्रपति ही प्रमुख होता है और प्रधानमंत्री का चुनाव वो अपने हिसाब से करता है जो सरकार का निर्माण करता है.मौजूदा राष्ट्रपति महमूद अब्बास साल 2005 से ही सत्ता पर आसीन हैं.फ़िलहाल ये इस्तीफ़ा राष्ट्रपति ने स्वीकार नहीं किया है.
also read:Inside Story Of Pulwama Attack: पुलवामा हमले को लेकर सरकार पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
गाजा में शवों को दफ़नाने की जगह नहीं बची
प्रधानमंत्री रहते हुए मोहम्मद सतायेह ने कहा था कि गाजा में लगातार हो रहे इजराइल के हमलों से अब शवों को दफ़नानें की जगह तक नहीं बची है.उन्होंने गाजा को ‘ब्लड वैली’कहा था.
2007 से गाजा पट्टी पर शासन कर रहा है हमास
फिलिस्तीन में दो मुख्य पार्टियां हैं,हमास और फतह.फतह की अगुआई वाले फिलिस्तीन अथॉरिटी का वेस्ट बैंक और यरुशलम में शासन है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है.वहीं हमास एक हथियारबंद संगठन है जिसे कई देशों ने आतंकवादी संगठन माना है और ये संगठन 2007 से गाजा पट्टी पर शासन कर रहा है.