वाराणसी से पकड़ा गया ISI जासूस तुफैल: यूपी ATS का बड़ा खुलासा, पाकिस्तान के लिए बना रहा था जासूसों की फौज

उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने वाराणसी से एक बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा किया है। ATS ने 22 मई 2025 को वाराणसी के जैतपुरा थाना इलाके के दोशीपुरा निवासी मोहम्मद तुफैल को गिरफ्तार किया था। ताजा जांच में पता चला है कि तुफैल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम कर रहा था और भारत में जासूसों की एक पूरी फौज तैयार करने की कोशिश में था।

‘उम्मीद-ए-शहर’ व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए युवाओं को जोड़ रहा था तुफैल

ATS की पूछताछ में खुलासा हुआ कि तुफैल ने ‘उम्मीद-ए-शहर’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें उसने वाराणसी, कानपुर, कन्नौज और पूर्वांचल के कई शहरों के युवाओं को जोड़ा था। इस ग्रुप में एक पाकिस्तानी हैंडलर भी शामिल था, जो तुफैल को निर्देश देता था। तुफैल इस ग्रुप के जरिए युवाओं को भड़काने और उन्हें ISI के लिए जासूसी करने के लिए तैयार करने का काम कर रहा था। ATS ने तुफैल के मोबाइल से 19 व्हाट्सएप ग्रुप्स की जानकारी हासिल की है, जिनमें 800 से ज्यादा मोबाइल नंबर ट्रैक किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर नंबर पूर्वांचल के जिलों जैसे मऊ, आजमगढ़ और वाराणसी के जैतपुरा, आदमपुर, लोहता, बाजार्डीहा, मदनपुरा, बेनिया और हरधा जैसे इलाकों से हैं।

600 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबरों से संपर्क में था तुफैल

जांच में यह भी सामने आया कि तुफैल 600 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था। उसने फेसबुक के जरिए एक पाकिस्तानी महिला नफीसा से दोस्ती की थी, जो एक पाकिस्तानी सेना अधिकारी की पत्नी बताई जा रही है। नफीसा ने तुफैल को कई पाकिस्तानी व्हाट्सएप ग्रुप्स में जोड़ा था। तुफैल ने नफीसा को वाराणसी के संवेदनशील स्थानों जैसे राजघाट, नमो घाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला और निजामुद्दीन औलिया की तस्वीरें और वीडियो भेजे थे। ATS का मानना है कि इन जानकारियों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने में किया जा सकता था।

तहरीक-ए-लब्बैक से प्रेरित था तुफैल, भड़काऊ संदेश फैलाता था

तुफैल पाकिस्तान की प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना साद रिजवी से प्रभावित था। उसने रिजवी के वीडियो और भड़काऊ संदेश व्हाट्सएप ग्रुप्स में शेयर किए, जिनमें ‘गजवा-ए-हिंद’ (भारत पर इस्लामिक कब्जे की अवधारणा), बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने, और भारत में शरिया कानून लागू करने की बातें शामिल थीं। ATS के मुताबिक, तुफैल ने पंजाब के सिरहिंद और कन्नौज में गुप्त बैठकें कीं और वहां धार्मिक सभाओं में युवाओं को भड़काने का काम किया।

नफीसा ने तुफैल को हनी ट्रैप में फंसाया

जांच में यह भी पता चला कि तुफैल को नफीसा ने हनी ट्रैप में फंसाया था। दोनों के बीच घंटों फोन और व्हाट्सएप पर बातचीत होती थी। तुफैल ने नफीसा को गिफ्ट्स भी भेजे थे, जिनमें एक साड़ी और एक सूट शामिल था, जिसे उसने नेपाल और पंजाब के रास्ते भेजा था। ATS अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि तुफैल ने नफीसा के कहने पर किन-किन शहरों की यात्रा की और कौन-कौन सी संवेदनशील जानकारियां शेयर कीं।

भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की साजिश

ATS ने अपने बयान में कहा कि तुफैल भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने की नीयत से काम कर रहा था। उसने चार इस्लामिक देशों में आतंकी नेटवर्क फैलाने में मदद की थी। तुफैल के मोबाइल से 70% डेटा रिकवर किया गया है, जिसमें उसकी आतंकी नेटवर्क से जुड़ी गतिविधियों के सबूत मिले हैं। उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। ATS ने तुफैल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 148 और 152 के तहत मामला दर्ज किया है।

युवाओं पर नजर, जांच तेज

ATS अब उन 800 से ज्यादा मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है, जो तुफैल के व्हाट्सएप ग्रुप्स से जुड़े थे। इनमें से कई युवा तुफैल के भड़काऊ कंटेंट से प्रभावित हो सकते हैं। ATS यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि तुफैल ने किन-किन धार्मिक सभाओं में हिस्सा लिया और उसने कितने युवाओं को प्रभावित किया। तुफैल के बैंक खातों और वित्तीय लेनदेन की भी जांच की जा रही है ताकि उसके नेटवर्क का पूरा खुलासा हो सके।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता

पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से भारतीय खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। तुफैल की गिरफ्तारी इस कड़ी का हिस्सा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद से देशभर में जासूसी के कई मामले सामने आए हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल

तुफैल की गिरफ्तारी से एक बार फिर भारत में ISI की गतिविधियों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए फैलाए जा रहे उग्रवाद का खतरा सामने आया है। यह सवाल उठता है कि क्या भारत में सुरक्षा तंत्र इस तरह की साजिशों को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है? ताजा अपडेट्स के लिए बने रहें।

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