भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan-Occupied Kashmir, PoK) में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के तहत 24 सटीक मिसाइल हमले किए। इन हमलों में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ माने जाते हैं। इस सैन्य कार्रवाई को भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम (Pahalgam) में हुए आतंकी हमले का जवाब बताया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने इन हमलों को ‘कायराना’ और ‘युद्ध थोपने वाला कृत्य’ करार दिया। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की धरती पर पांच स्थानों पर हमले किए गए। यह आक्रामकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई (retaliation) का पूरा हक है।” शरीफ ने दावा किया कि उनकी सेना ने ऑपरेशन के दौरान पांच भारतीय फाइटर जेट्स (Indian fighter jets) को मार गिराया, हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर का मकसद
भारतीय सेना के अनुसार, यह ऑपरेशन आतंकी बुनियादी ढांचे (terrorist infrastructure) को नष्ट करने के लिए था, जो भारत के खिलाफ हमलों की साजिश रच रहे थे। हमले बहावलपुर (Bahawalpur) और मुरीदके (Muridke) जैसे क्षेत्रों में किए गए। भारतीय सेना ने इसे ‘सटीक, मापा हुआ और गैर-वृद्धिकारी’ (focused, measured, non-escalatory) करार दिया। ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ इसलिए रखा गया क्योंकि पहलगाम हमले में केवल पुरुषों को निशानासindoor) का प्रतीक है, जो हिंदू परंपरा में सुहागिन महिलाओं द्वारा लगाया जाता है।
पाकिस्तान का जवाब और तनाव
पाकिस्तान ने ऑपरेशन के बाद जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा (Kupwara) और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने कहा, “हम केवल सैन्य ठिकानों (military targets) पर हमला करेंगे, नागरिक क्षेत्रों पर नहीं। हम अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करेंगे।” दूसरी ओर, भारत ने किसी भी जवाबी हमले के लिए अपनी तैयारियों को मजबूत कर लिया है। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सीमावर्ती राज्यों को सतर्क रहने और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए।
भारत का रुख
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सेना की तारीफ करते हुए कहा, “ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (zero tolerance) की नीति का सबूत है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ चुना, जो भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। भारत ने अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, और सऊदी अरब जैसे देशों को ऑपरेशन की जानकारी दी, इसे एक आतंकवाद-विरोधी कार्रवाई (anti-terrorism operation) बताया।
जनता की प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले में अपने परिजन को खोने वाले अनिल ने कहा, “PM मोदी को धन्यवाद। यह आतंकियों को सबक सिखाने की शुरुआत है।” देशभर में ऑपरेशन को समर्थन मिल रहा है, लेकिन सीमा पर तनाव और जवाबी कार्रवाई की आशंका ने कई शहरों में सतर्कता बढ़ा दी है। जयपुर, हैदराबाद, और जैसलमेर जैसे शहरों में रात में ब्लैकआउट (blackout) और सुरक्षा अभ्यास किए गए।
आगे क्या?
ऑपरेशन सिंदूर भारत की अब तक की सबसे बड़ी सीमा-पार कार्रवाई (cross-border operation) मानी जा रही है, जो 2019 के बालाकोट हमले (Balakot airstrike) से भी गहरी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। भारत ने सभी राजनीतिक दलों के साथ सर्वदलीय बैठक (all-party meeting) बुलाई है, जिसमें ऑपरेशन पर चर्चा होगी।
पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच दुनिया की नजरें दोनों देशों की अगली चाल पर टिकी हैं। क्या यह तनाव युद्ध में बदलेगा या कूटनीति (diplomacy) से सुलझेगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा