Pakistan News : पाकिस्तान इस समय अपने सबसे बुरे 4दौर से गुजर रहा है। एक ओर जहां भारत और पाकिस्तान में जंग की लकीर खिंची हुई चल रही है। वहीं चीन भी पाकिस्तान की मदद नहीं कर रहा। पाकिस्तान का गुज़ारा अब सऊदी अरब के रहम-ओ-करम से हो रहा है। आपको बता दें कि सऊदी अरब पाकिस्तान को मात्र 4 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर पर सस्ते ऋण दे रहा है, जिससे कंगाल पाकिस्तान को गुज़ारा करने में मदद मिल रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब पाकिस्तान के लिए सस्ते विदेशी ऋणों का प्राथमिक स्रोत बना हुआ है। यह जानकारी रविवार को एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई।
सऊदी अरब पाकिस्तान को सस्ते ऋण दे रहा है।Pakistan News
ऑफिशल डेटा की बात करूं तो सऊदी अरब की करेंसी रियाद ने हाल के वर्षों में इस्लामाबाद को दिए गए दो अलग-अलग नकद ऋणों पर केवल 4 प्रतिशत ब्याज लिया। सऊदी अरब ने ये ऋण एक साल के लिए दिए थे, लेकिन अभी तक चुका नहीं पाया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, पाकिस्तान ने अभी तक इस एक साल के ऋण को चुकाया नहीं है। सऊदी अरब बिना किसी अतिरिक्त ब्याज के ये ऋण सालाना दे रहा है।
सऊदी अरब चीन से भी बड़ा मददगार है। Pakistan News
सऊदी अरब अब चीन को पीछे छोड़ते हुए पाकिस्तान का सबसे बड़ा हितैषी बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ये ऋण चीन से लिए गए ऋणों से लगभग एक-तिहाई सस्ते और विदेशी वाणिज्यिक उधारों की लागत का आधा है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सऊदी अरब द्वारा प्रदान की गई 2 अरब डॉलर की नकद जमा सुविधा दिसंबर में समाप्त होने वाली है और वित्त मंत्रालय इसे फिर से बढ़ाने की योजना बना रहा है।
सऊदी अरब के अलावा, पाकिस्तान भी आईएमएफ का एक बड़ा कर्जदार है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम के तहत बाहरी वित्तपोषण की कमी को दूर करने के लिए प्राप्त 3 अरब डॉलर का एक और सऊदी ऋण अगले साल जून में समाप्त हो जाएगा। आईएमएफ ने शर्त रखी है कि पाकिस्तान के तीन ऋणदाता – सऊदी अरब, चीन और संयुक्त अरब अमीरात – तीन साल का कार्यक्रम पूरा होने तक अपनी नकद जमा राशि बनाए रखेंगे। खबरों के अनुसार, इन देशों ने पाकिस्तान को कुल 12 अरब अमेरिकी डॉलर का ऋण दिया है, जो पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक के 14.3 अरब अमेरिकी डॉलर के सकल विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा है।