Pakistan-Saudi Defence Pact भारत के लिए खतरा है?

Pakistan-Saudi Defence Pact Is Threat For India: सऊदी अरब (Saudi Arabia) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित रक्षा समझौता (Saudi Pak Defence Agreement) ने दक्षिण एशिया की भू-राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इस संधि के तहत दोनों देशों ने स्पष्ट किया है कि एक पर हमला दूसरे पर हमला माना जाएगा, जिससे पाकिस्तान को सऊदी की सैन्य ताकत का साथ मिल सकता है। लेकिन सवाल उठ रहा हैक्या यह भारत (India) की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है, हालांकि भारत सरकार ने इसे पहले से जानकारी वाला कदम बताते हुए सतर्क नजरिया अपनाया है।

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed bin Salman) और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने बुधवार को रियाद के यमामा पैलेस में इस ‘रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते’ पर हस्ताक्षर किए। संयुक्त बयान में कहा गया, “यह समझौता दोनों देशों की सुरक्षा को मजबूत करने और वैश्विक शांति को बढ़ावा देने का प्रतीक है।” पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर (Asim Munir) समेत उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद था। रॉयटर्स के अनुसार, यह समझौता सभी सैन्य साधनों को शामिल करता है, जिसमें पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल भी संभावित रूप से आ सकता है.

पाकिस्तान और सऊदी के बीच सैन्य सहयोग (Saudi Pak Military Cooperation) दशकों पुराना है, लेकिन यह पहली बार औपचारिक रूप ले चुका है। 1954 में अमेरिका के साथ पाकिस्तान का रक्षा समझौता (US Pak Defence Pact) इसका उदाहरण है, जो बाद में समाप्त हो गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह कदम इजरायल (Israel) के कतर (Qatar) पर हालिया हमले के बाद उठाया गया, जहां मुस्लिम देशों ने नाटो जैसी संयुक्त सेना की मांग की। सऊदी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह किसी विशिष्ट देश के खिलाफ नहीं है, लेकिन पाकिस्तान इसे भारत के खिलाफ प्रतिरोध के रूप में देख रहा है। अल जजीरा की रिपोर्ट में इसे “क्षेत्रीय भू-राजनीति का जलविभाजक” बताया गया है। पाकिस्तान, जो इस्लामी दुनिया की सबसे बड़ी सेना रखता है, अब सऊदी के आर्थिक समर्थन के बदले सुरक्षा गारंटी दे सकता है। हाल ही में सऊदी ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का कर्ज बढ़ाया है, जो इस साझेदारी को मजबूत करता है।

पाकिस्तान सऊदी अरब की सुरक्षा संधि भारत के लिए खतरा

विशेषज्ञों की रायभारत के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने बयान जारी कर कहा, “यह समझौता दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही व्यवस्था को औपचारिक बनाता है। हम इसका राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर प्रभाव का अध्ययन करेंगे।” प्रवक्ता रंधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने जोर दिया कि भारत अपनी सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

इंडिया टुडे के अनुसार, यह संधि कागज पर पारस्परिक लगती है, लेकिन वास्तव में सऊदी भारत के साथ अपने मजबूत संबंधों को जोखिम में नहीं डालेगा विशेषकर यदि पाकिस्तान पर हमला हो। डॉ. बिलाल अफजल (Dr Bilal Afzal) ने ट्वीट किया, “सऊदी पाकिस्तान के हमले पर भारत से टकराव नहीं लेगा, लेकिन इजरायल के खिलाफ पाकिस्तान कूद पड़ेगा।” वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया में इसे भारत को “घेराबंदी” का संकेत बताया गया, खासकर मई में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *