पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा (Sahir Shamshad Mirza) ने एक चौंकाने वाले बयान में भारत को ग्लोबल साउथ (Global South) में एक महत्वपूर्ण देश करार दिया है। यह बयान 22 अक्टूबर 2025 को एक सैन्य समीक्षा सत्र के दौरान दिया गया, जहां उन्होंने भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को स्वीकार किया, हालांकि साथ ही इसकी “विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं” (Expansionist Ambitions) पर सवाल उठाए। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव (India-Pakistan Tensions) अपने चरम पर है, खासकर अफगानिस्तान में हाल के हवाई हमलों और कतर मध्यस्थता से हुए सीजफायर के बाद।
जनरल मिर्जा ने कहा, “भारत ग्लोबल साउथ में एक महत्वपूर्ण देश है, जिसकी आर्थिक और सैन्य ताकत बढ़ रही है।” हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत “संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का उल्लंघन करता है और क्षेत्रीय वर्चस्व की कोशिश कर रहा है।” इस बयान को पाकिस्तानी सेना की ओर से एक असामान्य कूटनीतिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि आमतौर पर पाकिस्तान भारत को “आतंक का समर्थक” बताता रहा है। मिर्जा ने भारत के साथ अपने विवादित रुख को बनाए रखते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए तैयार है।
यह बयान उसी हफ्ते आया, जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने कतर मध्यस्थता से तत्काल सीजफायर (Ceasefire Agreement Qatar) पर सहमति जताई थी। इससे पहले, पकतिया हवाई हमले (Paktika Airstrike) में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत के बाद भारत ने अफगानिस्तान को समर्थन दिया था, जिसे पाकिस्तान ने भारत का हस्तक्षेप माना। मिर्जा का बयान इस जटिल स्थिति में आया, जहां क्षेत्रीय शक्ति संतुलन (Regional Power Balance) पर चर्चा हो रही है।
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसे “आंशिक मान्यता” के रूप में देखा जा रहा है। रणनीति विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान की आंतरिक कमजोरियों और अंतरराष्ट्रीय दबाव को दर्शाता है। पिछले हफ्ते गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया था, जिसके बाद यह बयान आश्चर्यजनक है।
ग्लोबल साउथ में भारत की बढ़ती भूमिका को हाल के G20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2025) और अफ्रीका-भारत सहयोग से मान्यता मिली है। मिर्जा का बयान इस संदर्भ में भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत को स्वीकार करता है, लेकिन साथ ही कश्मीर और सीमा विवादों पर अपनी पुरानी राय को दोहराता है।
