पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने सीजफायर पर सहमति जताई, कतर मध्यस्थता से हुआ समझौता

पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने अपने बीच चल रहे सीमा विवाद को खत्म करने के लिए तत्काल सीजफायर (Immediate Ceasefire Agreement) पर सहमति जताई है। यह समझौता 19 अक्टूबर 2025 को कतर की मध्यस्थता (Qatar Mediation) से हुआ, जिसमें दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों – ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) और मुल्ला मुहम्मद याकूब (Mullah Muhammad Yaqoob) – ने भाग लिया। दोहा में हुई वार्ता के बाद कतर के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि दोनों पक्षों ने तनाव कम करने और स्थायी शांति स्थापित करने के लिए तंत्र बनाने पर सहमति जताई है। यह फैसला पिछले हफ्ते अफगानिस्तान के पकतिया प्रांत में पाकिस्तानी हवाई हमले (Paktika Airstrike) में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत के बाद आया, जिसने तनाव को बढ़ा दिया था।

कतर और तुर्की की संयुक्त मध्यस्थता में शनिवार को शुरू हुई वार्ता रविवार सुबह तक चली। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तत्काल प्रभाव से संघर्षविराम लागू करने और आने वाले दिनों में फॉलो-अप मीटिंग्स आयोजित करने पर सहमति जताई।” दोनों देशों ने सीमा पार आतंकवाद (Cross-Border Terrorism) और नागरिक हताहतों पर चिंता जताई। ख्वाजा आसिफ ने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।” वहीं, मुल्ला याकूब ने पाकिस्तानी हवाई हमलों को “अफगान संप्रभुता का उल्लंघन” बताया।

पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने अफगान सीमा पर हवाई हमले किए, जिसमें पकतिया के उर्गुन जिले में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत हो गई थी। अफगान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने इसे “नागरिक हत्याकांड” करार देते हुए त्रि-राष्ट्र सीरीज से हटने का ऐलान किया था। इसके जवाब में तालिबान ने पाकिस्तान पर सीजफायर तोड़ने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने इसे तहरीक-ए-तालिबान (TTP) ठिकानों पर कार्रवाई बताया। इससे पहले 48 घंटे का अस्थायी सीजफायर हुआ था, लेकिन हिंसा फिर शुरू हो गई थी।

इस समझौते से भारत-पाक तनाव पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि अफगानिस्तान ने भारत से समर्थन मांगा था। विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्थिति पर नजर रखने की बात कही है। अमेरिका और रूस ने भी शांति की अपील की थी, जबकि UN के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट (Richard Bennett) ने नागरिक हताहतों पर चिंता जताई।

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