पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने फिर दी भारत को धमकी, कश्मीर को बताया ‘गले की नस

पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की है (Asim Munir threatens India)। 28 जून 2025 को कराची में पाकिस्तान नेवल एकेडमी में एक पासिंग आउट परेड के दौरान दिए गए अपने भाषण में, मुनीर ने भारत पर बिना सबूत के क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने और दो बार बिना उकसावे के सैन्य हमले करने का आरोप लगाया (unprovoked Indian aggression)। उन्होंने पाकिस्तान को “क्षेत्रीय स्थिरता का आधार” (net regional stabiliser) करार देते हुए दावा किया कि इस्लामाबाद ने भारत की “उकसावे वाली कार्रवाइयों” के बावजूद संयम और परिपक्वता दिखाई है (Pakistan restraint and maturity)। मुनीर ने कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाया, इसे पाकिस्तान की “जगुलर वेन” (jugular vein) बताते हुए कहा कि कश्मीरी लोग भारत के “अवैध कब्जे” के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं (Kashmir illegal occupation)।

मुनीर का कश्मीर पर पुराना राग:

मुनीर ने अपने भाषण में कहा, “ऐसे समय में हमें अपने कश्मीरी भाइयों के बलिदानों को याद रखना चाहिए, जो भारत के अवैध कब्जे के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं।” उन्होंने कश्मीर मुद्दे का “न्यायपूर्ण समाधान” संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं के आधार पर करने की वकालत की। यह पहली बार नहीं है जब मुनीर ने कश्मीर को लेकर उत्तेजक बयान दिए हैं। इससे पहले, अप्रैल 2025 में, उन्होंने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए कश्मीर को “पाकिस्तान की गले की नस” बताया था, जिसके कुछ ही दिनों बाद 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी.

भारत पर बेबुनियाद आरोप:

मुनीर ने दावा किया कि भारत ने दो बार “बिना उकसावे” हमले किए, जिसे उन्होंने “रणनीतिक दूरदर्शिता की चिंताजनक कमी” करार दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत उस समय क्षेत्र में तनाव पैदा कर रहा है जब पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के करीब है। हालांकि, मुनीर ने अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया। इसके विपरीत, भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सबूतों के साथ साबित किया है कि कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां पाकिस्तान से प्रायोजित हैं, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूह शामिल हैं।

ऑपरेशन सिंदूर और भारत का जवाब:

मुनीर का यह बयान भारत के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद आया है, जिसमें भारतीय सेना ने मई 2025 में पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में थी, जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा था। 7 से 10 मई तक चले इस सैन्य तनाव के बाद दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच बातचीत के बाद युद्धविराम पर सहमति बनी थी (India-Pakistan military escalation)। मुनीर ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर को “भारत की आक्रामकता” करार दिया, लेकिन भारत ने इसे अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है।

आतंकवाद को ‘वैध संघर्ष’ बताने का विवाद:

मुनीर ने अपने भाषण में आतंकवाद को “वैध संघर्ष” के रूप में चित्रित करने की कोशिश की, जिसकी भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तीखी आलोचना की है। कई भारतीय समाचार आउटलेट्स ने इसे पाकिस्तान की दोहरी नीति का सबूत बताया, जहां एक तरफ वह क्षेत्रीय शांति की बात करता है, वहीं दूसरी तरफ आतंकवाद को बढ़ावा देता है। मुनीर के बयानों को पाकिस्तान के आंतरिक राजनीतिक संकट और सैन्य नेतृत्व की साख बढ़ाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। खासकर, उनके हालिया अमेरिका दौरे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के बाद, उनके बयान को भारत के खिलाफ रणनीतिक स्थिति मजबूत करने और पाकिस्तानी नौसेना पर अपनी पकड़ बढ़ाने की कोशिश के रूप में विश्लेषित किया जा रहा है

भारत की प्रतिक्रिया:

भारत ने मुनीर के बयानों को “बेबुनियाद और भड़काऊ” करार देते हुए कहा है कि पाकिस्तान को पहले अपनी धरती पर आतंकवादी गतिविधियों को रोकना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान का इस मुद्दे पर कोई अधिकार नहीं है (Kashmir integral part of India)। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है कि वह पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन पर सख्त रुख अपनाए।

सोशल मीडिया पर हलचल:

मुनीर के बयानों ने सोशल मीडिया, खासकर X पर, तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाई हैं। कई भारतीय यूजर्स ने इसे “गीदड़ भभकी” (empty threats) करार दिया है, जबकि कुछ पाकिस्तानी यूजर्स ने मुनीर के बयानों का समर्थन किया है। एक यूजर ने लिखा, “पाकिस्तान क्षेत्रीय शांति की बात करता है, लेकिन कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देता है।” वहीं, एक अन्य ने कहा, “मुनीर का बयान उनकी हताशा दिखाता है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।” (social media reactions)

विश्लेषकों का मानना है कि मुनीर के बयान उनकी अपनी साख और पाकिस्तानी सेना की स्थिति को मजबूत करने की कोशिश हैं, क्योंकि देश आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है (Pakistan economic crisis)। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीर मुद्दे को बार-बार उठाकर मुनीर राष्ट्रीय भावनाओं को भड़काने और सेना के प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

असीम मुनीर के ताजा बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव को और बढ़ाने वाले हैं। कश्मीर को लेकर उनकी बार-बार की उत्तेजक टिप्पणियां और आतंकवाद को “वैध संघर्ष” बताने की कोशिश क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देगा। जैसे-जैसे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस क्षेत्र पर टिकी हैं, खासकर तब जब पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति कमजोर बनी हुई है।

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