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पाकिस्तानी राजदूत की भारत को परमाणु धमकी:भारत ने क्या जवाब दिया

पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। रूस में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली (Muhammad Khalid Jamali) ने भारत को खुलेआम परमाणु हमले की धमकी (Nuclear Threat) दी है। जमाली ने कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो इस्लामाबाद “पूर्ण शक्ति का उपयोग” (Islamabad Will Use Full Spectrum of Power Against India) करेगा, जिसमें परमाणु हथियार (Pakistan Nuclear Weapons) भी शामिल हैं। इस बयान ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्तों को और गंभीर बना दिया है। भारत ने इस धमकी का कड़ा जवाब देते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की है।

पाकिस्तानी राजदूत ने भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी

Pakistani ambassador threatens nuclear attack on India: पाकिस्तान के रूस में राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली (Muhammad Khalid Jamali, Ambassador of Pakistan to Russia) ने एक बयान में कहा, “अगर नई दिल्ली ने पड़ोसी देश (पाकिस्तान) पर सैन्य कार्रवाई (Military Action Against Pakistan) की, तो हम परमाणु हथियारों सहित अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करेंगे।” जमाली ने दावा किया कि पाकिस्तान की सेना और जनता इस हमले का जवाब देने के लिए तैयार है। यह बयान पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Attack) के बाद आया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकियों (Pakistan-backed Terrorists) ने अंजाम दिया था, जिसके बाद भारत ने कड़े कदम उठाए हैं।

पाकिस्तान को डर है कि भारत इस हमले का बदला लेने के लिए सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने भी रॉयटर्स को दिए बयान में कहा था कि भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई (Military Incursion) की आशंका है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान हाई अलर्ट (Pakistan On High Alert) पर है, लेकिन परमाणु हथियार तभी इस्तेमाल करेगा जब “हमारे अस्तित्व को खतरा” होगा।

पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव

पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam) में बाइसरण घाटी (Baisaran Valley) में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला (Tourist Attack) किया था। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों (Terrorist Organizations) को जिम्मेदार ठहराया है। हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना (Indus Waters Treaty Suspension), पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना (Visa Cancellation), और पाकिस्तानी एयरलाइंस के लिए हवाई क्षेत्र बंद करना (Airspace Closure) शामिल है।

पहलगाम हमले के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सशस्त्र बलों को “पूर्ण ऑपरेशनल स्वतंत्रता” (Complete Operational Freedom) दे दी थी। पीएम मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार इस हमले में शामिल आतंकियों को “धरती के किसी भी कोने तक खोज निकालेगी” (Hunt Down Terrorists)। इसके जवाब में पाकिस्तान के मंत्रियों और अधिकारियों ने लगातार धमकियां देना शुरू कर दिया।

पाकिस्तान के मंत्री हनीफ अब्बासी (Hanif Abbasi) ने पहले ही भारत को 130 परमाणु हथियारों (130 Nuclear Warheads) और गौरी, शाहीन, गजनवी मिसाइलों (Ghori, Shaheen, Ghaznavi Missiles) से धमकी दी थी। अब राजदूत जमाली का बयान इस तनाव को और बढ़ा रहा है।

परमाणु हमले की धमकी पर विदेश मंत्रालय का जवाब

Foreign Ministry’s response to the threat of nuclear attack: पाकिस्तानी राजदूत की इस धमकी का भारत ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता ने कहा, “पाकिस्तान की ओर से दी जा रही धमकियां उनकी हताशा को दर्शाती हैं। भारत एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति (Responsible Nuclear Power) है और हम अपनी संप्रभुता और सुरक्षा (Sovereignty and Security) की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”

भारत ने यह भी साफ किया कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन (Pakistan Support for Terrorism) को उजागर करना जारी रखेगा। सूत्रों के अनुसार, भारत ने रूस में अपने राजदूत के जरिए इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है और इसे “गैर-जिम्मेदाराना” करार दिया है।

क्या है आगे की स्थिति?

पहलगाम हमले के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्ते और खराब हो गए हैं। भारत की नौसेना (Indian Navy) ने हाल ही में मिसाइल परीक्षण (Missile Test Strikes) करके अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने दोनों देशों से “अधिकतम संयम” (Maximum Restraint) बरतने की अपील की है। कश्मीर में भी तनाव बढ़ गया है, जहां भारतीय सुरक्षा बल (Indian Security Forces) हमलावरों की तलाश में जुटे हैं।

इस बीच, कश्मीर के लोग डर और अनिश्चितता (Fear and Uncertainty) के साये में जी रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों को बातचीत (Dialogue) के जरिए इस तनाव को कम करने की जरूरत है, वरना स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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