Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले की जांच में क्या पता चला

What did the investigation into the Pahalgam terror attack reveal: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) ने देश को हिलाकर रख दिया। इस हमले, जिसे कुछ लोग पहलगाम इस्लामिक आतंकी हमला (Pahalgam Islamic Terror Attack) कह रहे हैं, में 26 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। अब इस घटना की शुरुआती जांच (Pahalgam Attack Preliminary Probe) में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसियों और फॉरेंसिक टीम (Forensic Team) ने घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर आतंकियों की क्रूर योजना का खुलासा किया है। आइए जानते हैं कि पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) की जांच में अब तक क्या पता चला है।

आतंकियों ने चुना सुनसान इलाका, रिकॉर्ड किया हमला

जांच में सामने आया है कि आतंकियों ने हमले के लिए बाइसरण घाटी (Baisaran Valley) को इसलिए चुना क्योंकि यह इलाका पहलगाम से करीब 6.5 किलोमीटर दूर है और यहां सुरक्षा बलों (Security Forces) की मौजूदगी न के बराबर थी। यह क्षेत्र, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ (Mini Switzerland) के नाम से जाना जाता है, केवल पैदल या घोड़े से पहुंचा जा सकता है, जिसके कारण बचाव कार्य (Rescue Operations) में देरी हुई और हताहतों की संख्या बढ़ी। सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि आतंकियों ने हेलमेट-माउंटेड कैमरे (Helmet-Mounted Cameras) पहने थे, जिनसे उन्होंने पूरे हमले को रिकॉर्ड किया। यह रिकॉर्डिंग (Body Cam Footage) आतंकी संगठनों द्वारा प्रचार या प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।

आतंकियों की क्रूर रणनीति: धर्म पूछकर की हत्या

प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के अनुसार, तीन से चार आतंकियों ने पर्यटकों को इकट्ठा किया और उन्हें पुरुष-महिला समूहों में बांटा। इसके बाद, उन्होंने पर्यटकों से उनके नाम और धर्म पूछे। कुछ को इस्लामी आयतें (Islamic Verses) पढ़ने के लिए कहा गया। जो लोग इन सवालों का जवाब नहीं दे पाए, उन्हें नजदीक से गोली मार दी गई। जांच में पता चला कि आतंकियों ने AK-47 राइफलों (AK-47 Rifles) से अंधाधुंध फायरिंग की, जबकि कुछ लोगों को दूर से स्नाइपर की तरह निशाना बनाया गया। कई पीड़ितों की मौत अत्यधिक रक्तस्राव (Excessive Blood Loss) के कारण हुई, क्योंकि समय पर मदद नहीं पहुंच सकी।

पाकिस्तान से जुड़े तार, TRF ने ली जिम्मेदारी


पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (The Resistance Front – TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का एक हिस्सा माना जाता है। जांच एजेंसियों को संदेह है कि हमले में शामिल आतंकियों में दो स्थानीय (Local Terrorists) और दो विदेशी (Foreign Terrorists) थे, जिनमें से कुछ पाकिस्तानी मूल के हो सकते हैं। आतंकियों के पास सैन्य-ग्रेड हथियार (Military-Grade Weapons) और उन्नत संचार उपकरण (Advanced Communication Devices) थे, जो बाहरी समर्थन (External Logistical Support) की ओर इशारा करते हैं। एक ब्लैक पल्सर बाइक (Black Pulsar Bike) भी घटनास्थल के पास मिली है, जिसे जांच में अहम सबूत माना जा रहा है।

जांच में NIA की एंट्री, सघन तलाशी अभियान

जम्मू-कश्मीर पुलिस (J&K Police) के साथ अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency – NIA) भी जांच में शामिल हो गई है। NIA की एक टीम, जिसका नेतृत्व डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (Deputy Inspector General) रैंक के अधिकारी कर रहे हैं, बाइसरण पहुंची है। फॉरेंसिक टीम (Forensic Team) ने घटनास्थल से 50-70 इस्तेमाल किए गए कारतूस (Used Cartridges) बरामद किए हैं। आतंकियों की तलाश के लिए सेना, CRPF, और पुलिस ने 5 किलोमीटर के दायरे में सघन तलाशी अभियान (Combing Operation) शुरू किया है। विशेष बल (Special Forces), स्निफर डॉग्स (Sniffer Dogs), और तकनीकी खुफिया साधन (Technical Intelligence) इस ऑपरेशन में लगे हैं।

हमले की सटीकता और साजिश

जांच से पता चला है कि आतंकियों ने हमले से पहले इलाके की रेकी (Recce) की थी, जिसमें स्थानीय लोगों की मदद की आशंका है। दो आतंकियों के फोटो भाषा (Pashto Language) बोलने की जानकारी मिली है, जो पाकिस्तानी मूल की ओर इशारा करती है। हमले की सटीकता और योजना (Precision and Planning) से साफ है कि इसके पीछे प्रशिक्षित हैंडलर्स (Trained Handlers) का हाथ था। आतंकियों के पास सूखे मेवे (Dry Fruits) और दवाइयां (Medicines) भी थीं, जो लंबे समय तक छिपने की तैयारी दिखाती हैं।

देश-दुनिया में गुस्सा, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) के बाद देश और दुनिया में गुस्से की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सऊदी अरब का दौरा छोटा कर दिल्ली लौटकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने श्रीनगर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया। कई विपक्षी नेताओं ने इसे खुफिया विफलता (Intelligence Failure) करार देते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, रूस, और इजरायल जैसे देशों ने इस हमले की निंदा की है।


पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है। NIA और फॉरेंसिक टीमें (Forensic Teams) आतंकियों की पहचान और उनके ठिकानों तक पहुंचने की कोशिश में हैं। सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में चौकसी बढ़ा दी है, और पर्यटक स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम (Additional Security Measures) किए गए हैं। यह हमला न केवल एक त्रासदी है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में शांति और पर्यटन (Tourism) पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। जांच के अगले चरण में आतंकियों के हैंडलर्स और बाहरी समर्थन (External Support) की भूमिका पर फोकस रहेगा।

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