Padma Shri Award 2025 | मध्यप्रदेश की 5 हस्तियों को पद्मश्री सम्मान, नामों का हुआ ऐलान

देश के सर्वाेच्च नागरिक सम्मान को तीन कैटेगरी में बांटा गया है, इसमें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पद्म श्री शामिल हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। इसमें सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री शामिल हैं।

एमपी के इंदौर जिले के महू तहसील अंतर्गत बजरंगपुरा गांव में जन्में भेरू सिंह चौहान निर्गुण कबीर गायक है। उनके पिता मादू चौहान भी निर्गुण गायक रहे है। भेरू सिंह चौहान ने कबीर वाणी, गोरणनाथ, मीराबाई आदि संतो के भजनों का गायन किए है।

शैली होल्कर का जन्म विदेश में हुआ था। वे एमपी के महेश्वर में आकर यहां की कल्चर और संस्कृति में इतना रम गई कि यहां की होकर रह गई। उन्होने रेशम, सूची महेश्वरी बुनाई को पुर्नजीवित किया और यहां हैडलूम स्कूल की स्थापना करके महिलाओं को प्रशिक्षित किया। शैली ने यहां के कपड़ों को देश विदेश में पहचान दिलाई तो वही महिलाओं को रोजगार से जोड़ कर उन्हे आत्मनिर्भर बना रही है।

76 साल के जगदीश जोशीला 5 दशक से हिन्दी साहित्य व लोकभाषा निमाड़ी में सृजन कर रहे है। उन्होने साहित्य की हर विधा में लेखनी की है।60 से ज्यादा उन्होने पुस्तकें लिखी है। उनके उपन्यास देवीश्री, आहिल्याबाई, संत सिंगाजी, राणा बख्तार सिंह आदि उन्यास चर्चित रहे है।

मूलत सतना जिला निवासी समाजसेवी डॉक्टर बुधेंद्र कुमार जैन चित्रकूट सदगुरू नेत्र चिकित्सालय के निदेशक है। वे जनरल मेडिसिन, इंटरनल मेडिसिन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते है। सतना जिले से पद्रमश्री सम्मान पाले वाले वे दूसरी विभूति है। इसके पहले बाबूलाल दाहिया को यह सम्मान मिल चुका है।

जनजातीय कला और संस्कृति के प्रसिद्ध चित्रकार हरचंदन सिंह भट्रटी देहरादून के रहने वाले है। उन्होने इंदौर में चित्रकला में स्नात्क की डिग्री हासिल की। वे भोपाल के बहुकला केंद्र भारत से जुड़े। उन्हे 2016 में मध्यप्रदेश से कालिदास सम्मान भी मिल चुका है।

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