EPISODE 67: पद्मश्री बाबूलाल दाहिया के संग्रहालय में संग्रहीत उपकरण एवं बर्तन

babu lal dahiya

कल हमने तांबे के लोटा, फूलदान, गंगाजली एवं लेम्प आदि धातु शिल्पियों के बनाए बर्तनों की जानकारी दी थी। आज उसी श्रंखला में अन्य बर्तनों एवं वस्तुओं की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।


मंजीरा

यह लगभग 4 इंच गोलाकार कांसे का दो के समूह में एक वाद्य यंत्र होता है जिसे ढोलक के साथ बजाया जाता है। इसके संगत से ढोलक के स्वर में मिश्रित स्वर का मिठास आजाता है एवं गाने बजाने वालों को एक सम्बल सा मिलता रहता है। मंजीरा अभी भी चलन में है। भजन कीर्तन आदि के गायन का महत्वपूर्ण वाद्ययंत्र माना जाता है।


झांझ

यह मंजीरा की तरह एक वाद्य होता है जो पीतल का होता है। इसकी बनावट भी उसी तरह होती है पर मंजीरा से कुछ बड़े आकार का होता है। परन्तु एक छोटे आकार का भी होता है जिसे बसदेवा लोग अपने सरमन गाथा गायकी में बजाते हैं।

पीक दान

धातु शल्पियों की होशियारी निश्चय ही काविले तारीफ थी। क्योकि उनने अपने द्वारा निर्मित कलात्मक उपकरणों से सभी की आवश्यकताओं का पूरा -पूरा ख्याल रखा था। यह एक काँसे का आधा फीट लम्बा गिलास के आकार का बर्तन है जिसे पहले पान तम्बाकू खाने वाले बुजुर्ग उपयोग करते थे । साठोत्तरा बुजुर्गों को पान तम्बाकू खाकर बार – बार बाहर थूकने न जाना पड़े ? अस्तु इस पीकदान को वह अपने खाट के नीचे ही रख पान तम्बाकू का आनंद लेते रहते हैं। बाद में वह खुद या उनके नाती पोते इस बर्तन को साफ कर के पुनः खाट के नीचे रखदेते हैं।
अब इसका प्रचलन समाप्त सा है। क्योकि नई पीढ़ी ने पान तम्बाकू का उस तरह का शौक पालना ही बंद कर दिया है। अस्तु अन्य वर्तनों की तरह यह भी समय की मार के सामने नत मस्तक हो पुरावशेष का रूप लेता जा रहा है।

पान दान


यह एक पीतल का आधा फुट चौकोर आकार का डिब्बा होता है जिसमें पान खाने वाले बुजुर्ग दिन भर के खाने के लिए अपने पान के बीड़े बनाकर उसमें बने प्रकोस्ट मे रख लेते हैं और उपयोग करते हैं। साथ ही अन्दर सुपाड़ी कत्था आदि रखने के भी कई खाने होते हैं।यह अलग – अलग डिजाइन एवं अलग -अलग धातु के भी बनते थे। पर इसका प्रचलन अब समाप्त सा है। अब हू बहू इसी तरह का पानदान स्टील का बन चुका है अस्तु यह पीतल एवं काँसे की कीमती धातु के पान दान चलन से बाहर होकर पुरावशेष का रूप लेते जा रहे हैं।

आज के लिए बस इतना ही कल फिर मिलेंगे इस श्रृंखला में नई जानकारी के साथ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *