मध्यप्रदेश का एकमात्र हिलस्टेशन पचमढ़ी, जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है

About Pachmarhi In Hindi: पचमढ़ी मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह मध्यप्रदेश का एकमात्र हिलस्टेशन है। पचमढ़ी को अपनी सुंदरता की वजह से सतपुड़ा की रानी कहा जाता है।

पचमढ़ी नाम का अर्थ

पचमढ़ी शब्द दो शब्दों के मेल से बना है पंच+मढ़ी, अर्थात 5 मढ़ियाँ या गुफाएँ जो यहाँ के पहाड़ियों में स्थित हैं। इन्हीं पाँच गुफाओं के कारण ही इसे पंचमढ़ी कहते हैं। इन मढ़ियों का संबंध महाभारत के पांच पांडव भाइयों के साथ जोड़ा जाता है, माना जाता है पांडव अपने वनवास के समय कुछ समय के लिए यहाँ रहे थे। हालांकि कुछ विद्वान इन गुफाओं को बौद्धकालीन मानते हैं।

पचमढ़ी की खोज किसने की

पचमढ़ी की खोज ब्रिटिश काल में हुई थी, जब भारत पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी शासन किया करती थी। कुछ स्रोतों के अनुसार बंगाल लांसर्स के कैप्टन जेम्स फ़ोर्सिथ ने झांसी से पिपरिया के रास्ते में 1857 में पचमढ़ी की खोज की थी। ब्रिटिश अधिकारियों ने इस क्षेत्र का सर्वेक्षण किया था और इसकी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व को पहचाना था। जिसके बाद इस क्षेत्र का उपयोग ब्रिटिश सेना ने इस क्षेत्र का उपयोग अपने सैन्य छावनी बनाने के लिए किया।

हालांकि माना जाता है कैप्टन जेम्स फ़ोर्सिथ से 25 वर्ष पहले ही 1832 में कैप्टन आसली पचमढ़ी आया थापचमढ़ी बाद मीं सेंट्रल इंडिया के ब्रिटिश आधिकारियों की पहली पसंद बन गया।

मध्यप्रदेश की अघोषित ग्रीष्मकालीन राजधानी

मध्यप्रदेश के निर्माण के बाद भले ही प्रदेश की राजधानी भोपाल बनाई गई थी। लेकिन ग्रीष्मकाल में मुख्यमंत्री इत्यादि यहाँ पहुँच जाते थे। एक तरह से यह मध्यप्रदेश की अघोषित ग्रीष्मकालीन राजधानी बन गई थी। जिसके बाद यहाँ पर राजभवन का निर्माण करवाया गया था, जो लगभग 22 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला है। लेकिन 1967 में जब गोविंद नारायण सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने यह परंपरा बंद करवा दी। जिसके बाद फिर कभी ऐसा नहीं हुआ।

    पचमढ़ी के आकर्षण

    पचमढ़ी एक हिल स्टेशन है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के घने जंगल, झीलें, झरने और पहाड़ियाँ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा यहाँ कई धार्मिक स्थल हैं, जैसे कि जैन मंदिर, हनुमान मंदिर और गुप्त महादेव मंदिर। इसके साथ ही यहाँ ब्रिटिश ईसाइयों के कई चर्च भी हैं। लेकिन पचमढ़ी के कुछ प्रमुख स्थल निम्न हैं-

    • जटाशंकर मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर एक गुफा में स्थित है, जो प्राकृतिक रूप से बनी हुई है।
    • पांडव गुफाएं एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है, जो महाभारत के पांडवों से जुड़ी हुई है। इन गुफाओं में कई प्राचीन चित्र और शिलालेख हैं।
    • बी फॉल एक प्रसिद्ध झरना है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। यह झरना 100 फीट से अधिक ऊंचाई से गिरता है। पचमढ़ी में कई धार्मिक स्थल हैं, जैसे कि जैन मंदिर, हनुमान मंदिर और गुप्त महादेव मंदिर।
    • सतपुड़ा रेंज में स्थित धूपगढ़ मध्यप्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है, यह समुद्र तल से 1352 मीटर की ऊंचाई पर है। यहाँ का सनसेट पॉइंट अत्यंत प्रसिद्ध है, जहाँ बहुत सारे पर्यटक सूर्यास्त का बहुत ही खूबसूरत नजारा देखने के लिए आते हैं।

      पचमढ़ी घूमने का उपयुक्त समय

      पचमढ़ी का मौसम गर्मियों में सुहावना रहता है, और यह एक अच्छा समय है पर्यटन के लिए। सर्दियों में भी पचमढ़ी का मौसम सुहावना रहता है, लेकिन यह थोड़ा ठंडा हो सकता है। मानसून के दौरान पचमढ़ी की प्राकृतिक सुंदरता और भी बढ़ जाती है, लेकिन इस समय यात्रा करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

      पचमढ़ी कैसे पहुँचें

      वायुमार्ग- वायुमार्ग से पचमढ़ी पहुंचा जा सकता है, यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर है, जो पचमढ़ी से लगभग 210 किमी दूर है।

      रेलमार्ग- पचमढ़ी का निकटतम रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जो पचमढ़ी से लगभग 47 किमी दूर है। जहाँ देशभर से ट्रेन आती हैं।

      सड़क मार्ग- पचमढ़ी सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और मध्य प्रदेश के कई शहरों से बसें और टैक्सियाँ उपलब्ध हैं। भोपाल, होशंगाबाद और जबलपुर से यहाँ पहुंचा जा सकता है।

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