P Chidambaram 26/11 Interview: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने हाल ही में खुलासा किया कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले (Mumbai Terrorist Attack) के बाद उनके मन में भी बदला लेने का विचार आया था, लेकिन मनमोहन सिंह सरकार (US Pressure On Manmohan Singh Government Military Action Against Pakistan) ने अमेरिकी दबाव और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सलाह के चलते सैन्य कार्रवाई से परहेज किया।
इस बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। इस बीच, विपक्ष के नेता राहुल गांधी (LOP Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को “सबसे कमजोर प्रधानमंत्री” (Weakest PM) करार दिया है, हालांकि, मोदी ने अमेरिकी दबाव के बावजूद 2025 में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए पाकिस्तान को जवाब दिया, और भारत ने ट्रंप (Donald Trump Ceasefire) के सीजफायर कराने के दावे को स्वीकार नहीं किया, जिसके चलते अमेरिकी टैरिफ (US Tariffs) का सामना करना पड़ा।
चिदंबरम का खुलासा और अमेरिकी दबाव
चिदंबरम ने कहा कि 26/11 हमले के बाद उनके मन में पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य जवाबी कार्रवाई का विचार आया था, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अमेरिका और अन्य देशों के दबाव में यह कदम नहीं उठाया। उन्होंने बताया कि सबूत होने के बावजूद कार्रवाई टाली गई, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने शांति बनाए रखने की सलाह दी थी। यह बयान 2008 के मुंबई हमले (2008 Mumbai Attacks) को लेकर नई बहस छेड़ गया है, जिसमें 166 लोगों की मौत हुई थी और अजमल कसाब (Ajmal Kasab) जैसे आतंकियों का हाथ था।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को “सबसे कमजोर प्रधानमंत्री” कहकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनकी नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं। लेकिन आलोचकों का कहना है कि कांग्रेस को पहले अपने उस प्रधानमंत्री को कमजोर क्यों नहीं कहना चाहिए, जिन्होंने अमेरिकी दबाव के चलते 26/11 के बाद पाकिस्तान को जवाब नहीं दिया, जबकि सबूत साफ थे।
वहीं, पीएम मोदी ने 2025 में अप्रैल के पाहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों (Pakistan Terror Camps) पर हमले किए गए। चार दिन के संघर्ष के बाद सीजफायर हुआ, लेकिन मोदी ने अमेरिकी दबाव के बावजूद ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया कि उन्होंने मध्यस्थता की। भारत ने कहा कि यह सीजफायर दोनों देशों के बीच सीधे समझौते से हुआ। ट्रंप चाहते थे कि भारत उनके सामने झुके और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करे, जैसा उन्होंने पाकिस्तान के साथ किया, लेकिन मोदी ने ऐसा नहीं किया।
भारत के ट्रंप के दावे को न मानने के कारण अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिए, जो ब्राजील के बाद सबसे अधिक है। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाक संघर्ष (India-Pakistan Conflict) रोका, लेकिन भारत ने इसे खारिज करते हुए अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को बरकरार रखा। विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी का यह कदम भारत को वैश्विक मंच पर मजबूत करता है, भले ही आर्थिक नुकसान सहना पड़ा हो।