Oxford Historian Faces Deportation| Who Is Manikarnika Dutta| भारतीय मूल की इतिहासकार मणिकर्णिका दत्त से खफा ब्रिटेन, छोड़ना पड़ सकता है देश

Manikarnika Dutta IRL News In Hindi: खबर आ रही है कि ब्रिटेन में भारतीय मूल की एक इतिहासकार मणिकर्णिका दत्त पर, ब्रिटेन से निर्वासन की तलवार लटक रही है, तय समय से ज्यादा ब्रिटेन से बाहर रहने के कारण उनका आईएलआर का आवेदन रद्द कर दिया गया है और नियमानुसार उनको देश भी छोड़ना पड़ सकता है। आइए पहले जानते हैं कौन हैं मणिकर्णिका दत्त? क्या है आईएलआर और उनके साथ हुआ क्या?

कौन है मणिकर्णिका दत्त

मणिकर्णिका दत्त एक भारतीय मूल की ब्रिटिश इतिहासकार हैं, वह अभी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ‘भारत में औपिनिवेश काल’ पर शोध कर रही हैं, इसके अलावा वह डबलिन कॉलेज में इतिहास पढ़ाती हैं और असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। 37 वर्षीय मणिकर्णिका दत्त 2012 में भारत से ब्रिटेन एम. ए. करने गईं थीं। वहाँ पर 10 साल से ज्यादा समय तक रहने के बाद उन्होंने ILR के लिए आवेदन किया था।

क्या है आईएलआर (ILR)

आईएलआर का पूरा नाम है ‘इंडेफिनिट लीव टू रिमेन’ सरल हिंदी भाषा में कहें तो अनिश्चितकाल तक अवकाश में रहने की अनुमति, इसका मतलब है किसी व्यक्ति को ब्रिटेन में बिना किसी प्रतिबंध के स्थायी तौर रहने और काम करने की अनुमति होती है, आईएलआर वाले व्यक्ति रोजगार, व्यवसाय और अध्ययन के लिए स्वतंत्र होते हैं। लेकिन इसमें एक पेंच है, आईएलआर उसी व्यक्ति को दिया जाता है जो 10वर्ष से ज्यादा ब्रिटेन में स्थायी तौर पर रह लेता है और इस अवधि में ब्रिटेन से बाहर 548 दिन से ज्यादा नहीं रहता है।

मणिकर्णिका दत्त पर क्यों लटकी निर्वासन की तलवार

मणिकर्णिका दत्त भारतीय मूल की हैं और ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से शोध कर रहीं हैं, चूंकि उनका शोध भारत में उपनिवेश काल को लेकर है, इसीलिए उन्हें बार-बार भारत की यात्रा करनी पड़ती है। चूंकि आईआरएल का नियम है, जिसके अनुसार 10 साल की अवधि के दौरान कोई भी व्यक्ति 548 दिन से ज्यादा दूसरे देश में नहीं रहना चाहिए, पर शोध के सिलसिले में मणिकर्णिका दत्त इस तय अवधि के अंदर पूरे 691 दिन भारत में रहीं, दत्ता नियम के तहत 143 दिन ज्यादा ब्रिटेन से बाहर रहीं, जिसके बाद उनका आईएलआर (ILR) रद्द कर दिया गया। ब्रिटेन के होम अफेयर्स के तरफ से मेल भेजकर इस बात की सूचना दी गई कि उन्हें देश भी छोड़ना पड़ सकता है। होम अफेयर्स के ऑफिस की तरफ से यह भी कहा गया उनका ब्रिटेन में कोई पारिवारिक जीवन भी नहीं है।

अब क्या कर सकती हैं मणिकर्णिका दत्त

मणिकर्णिका दत्त की शादी हो चुकी है, उनके पति डॉ सौविक नाहा यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं, उन्हें इसी आधार पर आईएलआर मिल चुका है। मणिकर्णिका दत्त पिछले दस सालों से ब्रिटेन में रह रही हैं, उन्होंने ब्रिटेन सरकार के इस फैसले को चुनौती दी है। दत्ता के वकील नागा कांदियाह ने तर्क दिया है, मणिकर्णिका दत्त किन्हीं निजी वजहों से नहीं बल्कि शोध के सिलसिले में देश से बाहर भारत जाती थीं। अब देखना होगा आगे इस मामले में क्या होगा।

लेकिन मणिकर्णिका दत्त अकेली नहीं हैं बल्कि और भी बहुत से शोधार्थियों को, ब्रिटेन के इस नियम से परेशानी उठानी पड़ती है, फिलहाल होम ऑफिस ने तीन महीने में इस मामले की समीक्षा करने का आश्वासन दिया है।

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