UP NEWS:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अति आत्मविश्वास बना खराब प्रदर्शन की वजह। आगे उन्होंने कहा कि हमें आपेक्षित सफलता नहीं मिली। हालांकि उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के प्रति भरोसा जताया।
रविवार को लखनऊ में बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई. लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश कार्यसमिति की यह पहली बैठक थी. हालांकि इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत तमाम बड़े नेता शामिल हुए. यह बैठक अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है क्योकि आने वाले समय में 10 सीटों पर उपचुनाव होने है. और हाल में 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी को मायूसी हाथ लगी है. प्रदेश की कानून व्यवस्था पर विपक्ष लगातार हमलावार है.
हालिया उपचुनावों में जीत को राजनीतिक पंडित इंडिया गठबंधन की नैतिक जीत मान रहे हैं, शायद इसीलिए इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी नेताओं ने अपने भाषणों में कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और जोश भरने की पूरी कोशिश की.
योगी ने बताई हार की वजह
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि , हमने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में आपेक्षित सफलता हासिल की. चाहे 14 , 19 का लोकसभा चुनाव हों या 17 , 22 के विधानसभा चुनाव। इस बार भी पहले के चुनाव जितना ही बीजेपी को वोट मिला है. लेकिन वोटों में बदलाव और अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया. योगी ने आगे कहा कि सभी के सहयोग से हमारी सरकार ने सूबे को माफियाओं से मुक्त किया है और आज सुरक्षा का माहौल है. पहले मोहर्रम में ताजिया के नाम पर घरों को तोड़ा जाता था, लेकिन अब किसी भी तरह की मनमानी नहीं चलती है.’
जेपी नड्डा ने सपा को घेरा
उत्तर प्रदेश में हाल में हुए लोकसभा चुनाव में सपा सबसे मजबूत पार्टी के तौर पर उभर कर आयी है. इस लिए अब बीजेपी के बड़े नेता सपा पर हमलावार है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सपा का नाम लिए बिना कई कथित घोटालों का ज़िक्र किया और बीजेपी के शासन में साफ़ सुथरा प्रशासन देने का वादा किया. आगे उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा, “13 राज्यों में कांग्रेस एक भी सीट जीतने में असफल रही. गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 64 सीटों पर जहां कांग्रेस का बीजेपी से सीधा मुकाबला था, उन्हें सिर्फ़ दो सीटें मिलीं.”
मुहर्रम में सड़के खाली हो जाया करती थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “याद कीजिए मुहर्रम के समय में सड़कें खाली हो जाया करती थीं। आज मुहर्रम आयोजित हो रहा है इसका पता भी नहीं लग रहा। ताजिया के नाम पर घर तोड़े जाते थे, पीपल के पेड़ काटे जाते थे, सड़कों के तार हटाए जाते थे। आज कहा जाता है किसी गरीब की झोपड़ी नहीं हटेगी… आज कहा जाता है सरकार नियम बनाएगी, त्योहार मनाने हैं तो नियमों के अंतर्गत मनाओ नहीं तो घर बैठ जाओ।