Central Government OTT Bill: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की कंटेंट पर सेंसर बोर्ड (CBFC) का कंट्रोल लगाने की खबरों पर विराम लग गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने साफ कर दिया कि कोई नया OTT बिल नहीं लाया जा रहा है, और ओटीटी कंटेंट को CBFC के दायरे में नहीं लाया जाएगा। (No OTT Bill Government) ये फैसला ओटीटी इंडस्ट्री और क्रिएटर्स के लिए बड़ी राहत है, जो सालों से सेंसरशिप के डर से जूझ रहे थे। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मौजूदा IT रूल्स 2021 ही काफी हैं, जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म्स खुद सेल्फ-रेगुलेशन करते हैं। (OTT Self Regulation IT Rules) लेकिन क्या ये फैसला ओटीटी पर अश्लीलता और विवादास्पद कंटेंट को बढ़ावा देगा? आइए, पूरी डिटेल्स जानें।
कोई नया बिल नहीं, CBFC से दूर रहेंगे ओटीटी
OTT Censorship: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने संसद में लिखित जवाब में कहा कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट को CBFC के तहत लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (Ministry Statement No OTT Bill) पहले ड्राफ्ट में सेंसरशिप की बात थी, लेकिन इंडस्ट्री के विरोध और क्रिएटिव फ्रीडम के मुद्दे पर सरकार पीछे हट गई। मंत्रालय ने जोर दिया कि IT रूल्स 2021 के तहत तीन लेवल का सेल्फ-रेगुलेशन सिस्टम है – प्लेटफॉर्म लेवल, एसोसिएशन लेवल और गवर्नमेंट ग्रिवांस ऑफिसर। (Three Tier Self Regulation OTT) CBFC सिर्फ फिल्मों के लिए है, ओटीटी पर लागू नहीं होगा। (CBFC Not for OTT)
इंडस्ट्री की बड़ी जीत
Reasons No OTT Censor Bill: ओटीटी इंडस्ट्री ने सालों से विरोध किया कि सेंसरशिप क्रिएटिविटी को मार देगी। नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो, हॉटस्टार जैसे प्लेटफॉर्म्स ने कहा कि वे खुद जिम्मेदारी से कंटेंट रेटिंग करते हैं। (OTT Industry Opposition Censorship) मंत्रालय ने माना कि ओटीटी ग्लोबल है, सेंसरशिप से इनवेस्टमेंट प्रभावित होगा। 2021 रूल्स में ग्रिवांस रिड्रेसल मजबूत किया गया, जो काफी है। ये फैसला ओटीटी के 500 मिलियन+ यूजर्स के लिए फ्रीडम ऑफ चॉइस को बचाएगा।
- लेवल 1: प्लेटफॉर्म खुद कंटेंट रेटिंग (U, A, 16+ आदि) और पेरेंटल कंट्रोल।
- लेवल 2: इंडस्ट्री बॉडीज जैसे IAMAI का सेल्फ-रेगुलेटरी बॉडी।
- लेवल 3: मंत्रालय का इंटर-डिपार्टमेंटल कमिटी, जो गंभीर शिकायतों पर एक्शन लेती है। 2023 में कई शोज पर नोटिस भेजे गए, लेकिन सेंसरशिप नहीं। (OTT Grievance Redressal Mechanism)
राहत, लेकिन जिम्मेदारी बढ़ी
नेटफ्लिक्स और प्राइम वीडियो ने फैसले का स्वागत किया। क्रिएटर्स ने कहा, “ये क्रिएटिव फ्रीडम की जीत है।” लेकिन कुछ का मानना है कि सेल्फ-रेगुलेशन को और मजबूत करना होगा, वरना विवाद बढ़ेंगे।
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