रीवा. हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के रीवा परिसर में ऑनलाइन मीडिया में हिंदी पत्रकारिता, दशा एवं दिशा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों व शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रुप में परिसर के अकादमिक प्रभारी डॉ. सूर्य प्रकाश ने कहा कि शुरूआती दौर की पत्रकारिता तेज तलवार की धार पर चलने के समान थी, परंतु आज वैसी स्थिति नहीं है। वर्तमान दौर में पत्रकारिता संतुलित बनकर रह गई हैं।
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अंग्रेजी कांटेट के हिंदी अनुवाद का प्रचलन बढ़ा
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मीडिया में जो हिंदी लिपि लिखी जा रही है उसमें लिपि त्रुटी साफ नजर आती हैं। हिंदी वेबसाइट्स पर मौलिक और शोध युक्त कंटेंट का अभाव अक्सर देखने को मिल रहा है। कंटेंट न मिलने की दशा में अंग्रेजी कांटेट का हिंदी में अनुवाद का प्रचलन बढ़ा है जो उचित नहीं है। वहीं डॉण् विनोद दुबे ने कहा कि ऑनलाइन के माध्यम से हमारे धर्मग्रंथों और संस्कृति का प्रचार प्रसार वैश्विक स्तर पर हो रहा है। जिसे किसी भी देश का पाठक पढ़ सकता है। अब मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई हिंदी में हो रही है। हमें गर्व करना चाहिए कि आज हिंदी राजभाषा है। इस मौके पर डॉ. सुनीत तिवारी, डॉ. आलोक पांडे, हर्ष तोमर, तान्या गुप्ता आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी का संचालन कपिल देव प्रजापति और आभार नीरज तिवारी ने व्यक्त किया। इस दौरान परिसर की शिक्षिका डॉ. रूचि सिंह बघेल, सुमन मिश्रा, कर्मचारी महेंद्र सिंह व विद्यार्थी उपस्थित थे।
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