लाल सागर में ऑप्टिक फाइबर केबल कट गए! इंटरनेट ठप्प

रेड सी (Red Sea) में एक बड़े हादसे ने दुनियाभर की डिजिटल दुनिया को हिला दिया है। 6 सितंबर को यहां SEACOM/TGN-EA, AAE-1 और EIG जैसी प्रमुख (fiber optic cables) कट गईं, जिससे ग्लोबल इंटरनेट ट्रैफिक का करीब 17% हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हो गया। यूरोप और एशिया के बीच कनेक्टिविटी पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, जहां की वजह से स्पीड धीमी हो गई और लेटेंसी बढ़ गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना (Red Sea disruptions) का एक और उदाहरण है, जो वैश्विक कम्युनिकेशन को खतरे में डाल रही है।

इस हादसे की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। कुछ रिपोर्ट्स में जहाजों के एंकर या जानबूझकर तोड़फोड़ का जिक्र है, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला। रेड सी में चल रहे संघर्ष और यमनी हूती विद्रोहियों (Houthi rebels) की गतिविधियों ने संदेह बढ़ा दिया है, हालांकि हूती समूह ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है। पहले भी इसी इलाके में समुद्री जहाजों की वजह से केबल कटने की घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस बार का असर इतना व्यापक है कि पूरी दुनिया महसूस कर रही है।

प्रभाव की बात करें तो मिडिल ईस्ट (Middle East) के यूजर्स सबसे ज्यादा परेशान हैं। (Microsoft Azure) क्लाउड प्लेटफॉर्म, जो यूरोप-एशिया के बीच कनेक्शन पर निर्भर है, बुरी तरह प्रभावित हुआ। बिजनेस मीटिंग्स, ऑनलाइन क्लासेस और जैसे Netflix या YouTube पर देरी हो रही है। कंपनियों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि डेटा ट्रांसफर धीमा होने से काम रुक गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर लाखों यूजर्स को स्लो इंटरनेट की शिकायतें मिल रही हैं।

माइक्रोसॉफ्ट ने बयान जारी कर कहा, “यूजर्स को लेटेंसी और धीमी स्पीड का सामना करना पड़ रहा है। हम रूटिंग ऑप्टिमाइज कर रहे हैं और वैकल्पिक पाथ्स से ट्रैफिक डायवर्ट कर रहे हैं।” कंपनी ने चेतावनी दी कि केबल रिपेयर में हफ्तों लगेंगे, और रोजाना अपडेट दिए जाएंगे। टेलीकॉम कंपनियां और सरकारें जांच में जुटी हैं, लेकिन अगर यह तोड़फोड़ साबित हुई तो डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो जाएंगे।

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