विपक्ष ने संसद में अमित शाह पर कागज फाड़कर फेंका! गृहमंत्री ने फिर क्या किया?

The opposition threw torn paper at Amit Shah: संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान एक अहम घटनाक्रम में विपक्षी सांसदों (Opposition MPs) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Opposition MPs Throw Papers On Amit Shah Video ) पर कागज फेंके, जिसने संसद की मर्यादा (Parliamentary Decorum) पर सवाल उठा दिए। यह घटना 20 अगस्त 2025 को लोकसभा (Lok Sabha Amit Shah Video) में हुई, जब अमित शाह (Amit Shah) तीन महत्वपूर्ण बिल्स पेश कर रहे थे।

अमित शाह के ऊपर कागज फाड़ कर फेंका

20 अगस्त 2025 को, अमित शाह लोकसभा में तीन बिल्स पेश कर रहे थे—संविधान बिल, 2025 (Constitution Amendment Bill, 2025), केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) बिल, 2025 (Union Territories Amendment Bill, 2025), और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल, 2025 (Jammu and Kashmir Reorganisation Amendment Bill, 2025)। इस दौरान, विपक्षी सांसदों खासकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इन बिल्स की कॉपियां फाड़ीं और अमित शाह ( की ओर फेंकी। इस घटना ने सदन में हंगामा पैदा कर दिया, और स्पीकर को कार्यवाही रोकनी पड़ी।

संसद की मर्यादा: क्या कहते हैं नियम?

संसद की मर्यादा (Parliamentary Decorum) भारतीय संविधान और संसदीय प्रक्रियाओं द्वारा शासित होती है। मुख्य नियम निम्नलिखित हैं

  • अनुच्छेद 105 (Article 105): सांसदों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) दी गई है, लेकिन यह संसद की मर्यादा के दायरे में रहनी चाहिए।
  • संसदीय आचरण संहिता : सांसदोंको आपस में शारीरिक संघर्ष या हिंसक व्यवहार से बचना चाहिए। कागज फेंकना या बिल्स फाड़ना संसदीय मर्यादा का उल्लंघन माना जाता है।
  • लोकसभा नियमावली: नियम 349 के अनुसार, सांसदों को सदन में व्यवस्थित व्यवहार करना चाहिए, और किसी भी सदस्य पर हमला या धमकी देना दंडनीय है।
  • राज्य सभा नियमावली: इसी तरह, राज्य सभा में भी सांसदों को मर्यादा का पालन करना होता है, और किसी भी सदस्य पर हमला या बाधा दंडनीय है।

अमित शाह ने क्या कहा?

अमित शाह ने इस घटना पर सीधे तौर पर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन उनके सहयोगी ने कहा कि वह “शांत” रहे और सदन की कार्यवाही जारी रखने की कोशिश की। बाद में, बीजेपी नेता राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा, “यह घटना संसद की मर्यादा पर दाग है, और हमें ऐसे व्यवहार की निंदा करनी चाहिए।”

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