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Opposition Party: पहलगाम आतंकी हमले पर विपक्षी दलों का केंद्र सरकार से सवाल

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Opposition Party: पहलगाम आतंकी हमले पर विपक्षी दलों का केंद्र सरकार से सवालजम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस भयावह हमले में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है और 10 लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और केंद्र सरकार से जवाबदेही की मांग की है।

राहुल गांधी ने सरकार से पूछे सवाल

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस हमले की निंदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि सरकार बार-बार कश्मीर में हालात सामान्य होने के दावे करती है, लेकिन इस तरह के हमले इन दावों की पोल खोल देते हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर कब तक मासूम लोग आतंक का शिकार बनते रहेंगे।

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा — यह मानवता पर धब्बा

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे मानवता पर धब्बा बताया और केंद्र से जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की अपील की। खरगे ने लिखा कि जब कश्मीर में अमन और शांति की बात की जाती है, तो ऐसे हमले उन दावों पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं।

अखिलेश यादव ने मांगा सुरक्षा का भरोसा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहलगाम हमले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने केंद्र से मांग की कि देशवासियों को यह भरोसा दिलाया जाए कि सरकार सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दे रही है और भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगेगी।

ममता बनर्जी ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा कि निर्दोष लोगों की जान जाना बेहद पीड़ादायक है और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जानी चाहिए। ममता ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करने की मांग की।

मायावती और तेजस्वी यादव का बयान

बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने हमले में जान गंवाने वालों और घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने केंद्र से इस घटना पर कड़ा एक्शन लेने और दोषियों को सज़ा दिलाने की मांग की।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले

यह पहली बार नहीं है जब कश्मीर में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया हो। पिछले साल भी ऐसे हमले हुए थे, हालांकि तब हताहतों की संख्या इतनी अधिक नहीं थी। यह दर्शाता है कि आतंकी तत्व अब और अधिक संगठित और हिंसक हो चुके हैं।

देशभर में इस घटना के बाद गुस्से और शोक की लहर है। लोग सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि आतंक के इस चक्र को आखिर कब तोड़ा जाएगा। बार-बार हो रहे हमलों से जनता में असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है।

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