राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर 3 जुलाई को प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान सभी विपक्षी सांसदो ने सदन से वॉकआउट कर दिया। प्रधान मंत्री अपने भाषण में संविधान के सन्दर्भ में बात कर रहे थे, विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया की हमें बोलने की अनुमति नहीं दी गयी, तभी ही सारे नेता प्रतिपक्ष सदन में हंगामा करने लगे और नारेबाज़ी करते कुछ ही देर में अपनी कुर्सियों को छोड़ कर बाहर चले गए।
इस प्रतिक्रिया को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा ;
”माननीय सभापति जी ये भारत के उच्च सदन का अपमान है ,ये अपमान सारा देश देख रहा है। झूट बोलने वाले सच्चाई पचा नहीं पा रहें हैं।”
विपक्ष के इस वॉकआउट पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा ;
आज विपक्षी सांसदों ने मेरा नहीं बल्कि भारतीय संविधान का अपमान किया है, उन्होंनें मुझे नहीं बल्कि भारतीय संविधान को को पीठ दिखाई है, मै इसकी निंदा करता हूँ। संविधान हाथ में लेने वाली नहीं बल्कि जीने वाली पुस्तक है। मुझे उम्मीद है कि वो आत्मनिरीक्षण करेंगे और कर्त्तव्य मार्ग में चलेंगे।
विपक्षी नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ANI से बात कर बताया कि ;
माननीय सभापति से बोलने की अनुमति कई बार मांगी पर उन्होंने हम लोगों की बात नहीं मानी इस लिए हम लोगों ने वहाँ से वॉक आउट कर दिया।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर के विषय पर क्या कहा?
”मणिपुर की स्तिथि सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है वहाँ जो भी घटनाएँ घटीं 11 हज़ार से ज्यादा FIR लिखी गयीं 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए। अब मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रहीं हैं और आम दिनों की तरह मणिपुर में स्कूल और कॉलेज चल रहें है…… भारत के गृहमंत्री और राजयमंत्री हफ्तों तक खुद वहाँ रहें हैं और सरकार लगातार वहाँ के संपर्क में है और समस्या के समाधान के लिए हर पल प्रयास कर रही है।”