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रक्षा मंत्री बोले Operation Sindoor जारी: ये ट्रेलर था पूरी दुनिया को पिक्चर भी दिखाएंगे

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) भारत के लिए एक बड़ा झटका था। इस हमले में 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, अपनी जान गँवा बैठे। भारत ने इस कायराना हरकत का जवाब ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के जरिए दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (Pakistan-administered Kashmir) में आतंकी ठिकानों (Terror Camps) को तबाह किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति (Unwavering Resolve) का प्रतीक बताया और कहा कि यह ऑपरेशन आतंकियों के लिए सख्त चेतावनी है। 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (Ceasefire) के बाद भी नियंत्रण रेखा (Line of Control) पर तनाव बरकरार है, और भारत ने साफ कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के ठिकानों पर सटीक हमला

7 मई की रात को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले (Missile Strikes) किए गए। इन ठिकानों में द रेसिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front, TRF) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba, LeT) जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे, जिन्हें पहलगाम हमले का जिम्मेदार माना गया। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने बताया कि इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकवादी और उनके सहयोगी मारे गए। भारतीय सेना ने अपनी सैन्य ताकत (Military Strength) और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों (Indigenous Defence Systems) की तकनीकी क्षमता (Technological Capability) का शानदार प्रदर्शन किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयरबेस (Bhuj Airbase) पर सैनिकों से मुलाकात के दौरान ऑपरेशन की सफलता की तारीफ की। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह सिर्फ ट्रेलर था। समय आएगा, तो पूरी पिक्चर दुनिया को दिखाएंगे।” श्रीनगर में सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने जोड़ा, “हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर सबक सिखाया। भारत की सेनाएं किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।” सिंह ने इस ऑपरेशन को भारत की आतंकवाद विरोधी नीति (Anti-Terrorism Policy) का नया अध्याय बताया और कहा कि आतंकवादियों को अब कहीं भी सुरक्षित नहीं रहने दिया जाएगा।

युद्धविराम: शांति की कोशिश, लेकिन सतर्कता बरकरार

10 मई को चार दिन की तीव्र सैन्य कार्रवाइयों (Military Engagements) के बाद भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम का ऐलान किया। दोनों देशों के सैन्य कमांडर (DGMOs) अब डी-एस्केलेशन योजनाओं (De-escalation Plans) पर चर्चा कर रहे हैं। लेकिन युद्धविराम के बावजूद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन (Ceasefire Violations) के आरोप लगाए। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू, उधमपुर, और पठानकोट में सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले (Drone and Missile Attacks) किए। वहीं, पाकिस्तान ने भारत पर अपने नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने का इल्जाम लगाया।

युद्धविराम के बाद जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। स्कूल और बाजार फिर से खुल गए हैं, लेकिन राजौरी में पाकिस्तानी गोलाबारी से बचे गोले (Live Artillery Shells) को हटाने का काम जारी है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने सीमा पर रहने वालों के लिए और बंकर (Bunkers) बनाने का वादा किया है। एक स्थानीय निवासी, शब्बीर अहमद, ने कहा, “हम शांति चाहते हैं, लेकिन भारत का यह कदम जरूरी था। अब हमें और सुरक्षा चाहिए।”

भारत की तकनीकी और सैन्य श्रेष्ठता

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की तकनीकी ताकत (Technological Might) को दुनिया के सामने ला दिया। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस कार्रवाई में भारतीय सेना ने चीनी मूल की पीएल-15 मिसाइलों (PL-15 Missiles) और तुर्की के यीहा ड्रोन (Yiha UAVs) को निष्क्रिय किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी तारीफ करते हुए कहा, “हमारी स्वदेशी रक्षा प्रणालियां और सैन्य समन्वय (Military Coordination) इस ऑपरेशन की रीढ़ थे।” उन्होंने खास तौर पर एस-400 वायु रक्षा प्रणाली (S-400 Air Defence System) की सराहना की, जिसने पाकिस्तानी हमलों को नाकाम कर भारत के हवाई ठिकानों (Airbases) को सुरक्षित रखा।

नेताओं का समर्थन, विपक्ष के सवाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अडमपुर एयरबेस (Adampur Airbase) पर सैनिकों से मुलाकात के दौरान ऑपरेशन को भारत की आतंकवाद विरोधी नीति का नया मानक बताया। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इसे पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि बताते हुए कहा, “यह भारत की माताओं और बहनों के लिए न्याय है।” उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ऑपरेशन को सेना की वीरता (Bravery) का प्रतीक बताया।

विपक्ष ने भी ऑपरेशन की तारीफ की, लेकिन युद्धविराम पर सवाल उठाए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने सरकार से पूछा कि युद्धविराम का फैसला कैसे लिया गया। कुछ नेताओं ने कहा कि यह मौका पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (PoJK) पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल हो सकता था।

सामाजिक गूंज और भविष्य की राह

ऑपरेशन सिंदूर ने देश में देशभक्ति की लहर पैदा की। उदयपुर के संगमरमर व्यापारियों ने तुर्की के साथ व्यापार (Trade with Turkey) खत्म करने का फैसला लिया, क्योंकि तुर्की ने पाकिस्तान का समर्थन किया। सोशल मीडिया पर लोग सेना की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन युद्धविराम को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “आतंकवादी अब सरहद पार भी सुरक्षित नहीं हैं। भारत उन्हें कहीं भी ढूंढकर सजा देगा।” भारत अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में टीआरएफ और लश्कर की भूमिका के सबूत पेश करने की तैयारी में है। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद (Cross-Border Terrorism) बंद नहीं करता, सामान्य रिश्ते संभव नहीं हैं।

कश्मीर में शांति की उम्मीद है, लेकिन सेना और सरकार सतर्क हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत (Military Might) और आतंकवाद के खिलाफ उसके संकल्प को दुनिया के सामने रखा। यह कार्रवाई न सिर्फ पहलगाम के शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारत की नई रणनीति (New Strategy) का भी प्रतीक है। ताजा अपडेट्स के लिए रक्षा मंत्रालय की घोषणाओं पर नजर रखें।

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