भारत द्वारा 7 मई 2025 को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) ने पाकिस्तानी वायुसेना (Pakistan Air Force) को भारी नुकसान पहुंचाकर उसकी युद्ध क्षमता को पांच साल पीछे (Set Back by Five Years) धकेल दिया है। सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के सटीक मिसाइल और ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे, खास तौर पर वायुसेना, को गंभीर रूप से प्रभावित किया। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तानी वायुसेना की रक्षा प्रणालियों को लाचार कर दिया, जिससे उनकी ताकत और परिचालन क्षमता में लंबे समय तक की कमी आने की संभावना है।
पाकिस्तानी वायुसेना को पांच साल का नुकसान
- हमलों का प्रभाव: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने 10 मई को पाकिस्तान के 11 प्रमुख हवाई अड्डों (Airbases) पर सटीक हमले किए, जिनमें भोलारी (Bholari), शाहबाज (Shahbaz), नूर खान (Nur Khan), और सरगोधा (Sargodha) जैसे रणनीतिक ठिकाने शामिल थे। इन हमलों में ब्रह्मोस (BrahMos), स्कैल्प (Scalp), और हारोप (Harop) जैसे उन्नत हथियारों का उपयोग किया गया, जिसने पाकिस्तानी वायुसेना की रडार प्रणालियों (Radar Systems) और कमांड-कंट्रोल सेंटरों (Command and Control Centers) को भारी नुकसान पहुंचाया।
- 20% बुनियादी ढांचे का विनाश: रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी वायुसेना के लगभग 20% बुनियादी ढांचे (20% Infrastructure Damage) को नष्ट कर दिया गया। इसमें F-16, JF-17, और एक AWACS विमान (Airborne Warning and Control System) शामिल हैं। भोलारी हवाई अड्डे पर एक हैंगर में 60 फीट चौड़ा गड्ढा देखा गया, जो मिसाइल हमले की तीव्रता को दर्शाता है।
- पांच साल की देरी: विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों ने पाकिस्तानी वायुसेना की रक्षा प्रणालियों, लड़ाकू विमानों, और रडार नेटवर्क को इतना नुकसान पहुंचाया है कि उनकी पुनर्बहाली और आधुनिकीकरण में कम से कम पांच साल लग सकते हैं। इसके लिए भारी वित्तीय निवेश और तकनीकी पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी, जो पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को देखते हुए चुनौतीपूर्ण है।
- रक्षा प्रणालियों की असफलता: ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना का HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम (HQ-9 Air Defense System) भारतीय हमलों को रोकने में नाकाम रहा। भारतीय ड्रोनों और मिसाइलों ने पाकिस्तान के रडार सिस्टम को जाम कर दिया, जिससे उनकी जवाबी कार्रवाई प्रभावी नहीं हो सकी।