ChatGPT Atlas: ओपनएआई (OpenAI) ने अपनी नई AI डेवलपमेंट, चैटजीपीटी एटलस (ChatGPT Atlas) को आज, 22 अक्टूबर 2025 को वैश्विक स्तर पर लॉन्च कर दिया, जिसने टेक इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। इस लॉन्च के साथ ही अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc.), गूगल की पैरेंट कंपनी, के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जो सुबह 9:02 EST (भारतीय समयानुसार 6:32 PM) तक 3.5% नीचे 248.20 डॉलर पर ट्रेड कर रहे थे। यह गिरावट चैटजीपीटी एटलस के प्रतिस्पर्धी फीचर्स और गूगल के AI डेवलपमेंट में देरी के डर से जुड़ी है।
चैटजीपीटी एटलस का लॉन्च: क्या है खास
ओपनएआई ने चैटजीपीटी एटलस को फ्री, प्लस, प्रो, और गो यूजर्स के लिए macOS पर लॉन्च किया, जबकि बिजनेस और एंटरप्राइज यूजर्स के लिए बीटा वर्जन उपलब्ध है। इस AI असिस्टेंट की खासियतें हैं:
- वेब इंटीग्रेशन: यूजर्स को वेब पर बिना कॉपी-पेस्ट किए टास्क पूरा करने में मदद।
- मेमोरी फीचर: पिछले चैट्स और ब्राउजिंग डेटा से सीखकर सुझाव देना।
- टास्क ऑटोमेशन: जैसे, “पिछले हफ्ते की जॉब पोस्टिंग्स का ट्रेंड्स सारांश बनाएं।” ओपनएआई के CEO सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने कहा, “एटलस वेब यूज को रिवॉल्यूशनाइज़ करेगा।” यह लॉन्च गूगल के AI प्रोजेक्ट्स, जैसे जेमिनी (Gemini), को चुनौती दे रहा है।
अल्फाबेट शेयर में गिरावट: क्यों?
गूगल के शेयर 256.55 डॉलर से गिरकर 248.20 डॉलर पर आ गए, जो 2025 में अब तक की सबसे बड़ी सिंगल-डे गिरावट है। चैटजीपीटी एटलस की वेब इंटीग्रेशन सुविधा गूगल सर्च को प्रभावित कर सकती है। गूगल के जेमिनी 2.0 में देरी की खबरों ने निवेशकों का भरोसा कम किया। जापान फेयर ट्रेड कमीशन (JFTC) का गूगल पर लगाया गया प्रतिबंध भी शेयरों पर दबाव डाल रहा है। स्टॉक एनालिस्ट जॉन डो (John Doe, फिक्शनल) ने कहा, “यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है, लेकिन गूगल को अपनी AI रणनीति तेज करनी होगी।
बाजार प्रतिक्रिया: निवेशकों की चिंता
नासडैक पर अल्फाबेट (NASDAQ: GOOG) के शेयरों में 3.5% की गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया। स्टॉक टू ट्रेड (StocksToTrade) की रिपोर्ट के अनुसार, “गूगल को अब ओपनएआई से सीखना होगा, वरना बाजार हिस्सेदारी खो सकता है।” हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि गूगल की लॉन्ग-टर्म वैल्यू मजबूत है।
भारत में, जहां UPI और डिजिटल पेमेंट्स तेजी से बढ़ रहे हैं, चैटजीपीटी एटलस को NPCI जैसे संगठनों के लिए सहायक माना जा रहा है। स्टार्टअप्स भी इस तकनीक को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।
