IPS Success Story: बिहार में जन्मा एक ऐसा अफ़सर, यूपी में किए 300 एनकाउंटर, जानें यूपी के DGP Prashant Kumar की कहानी ।

IPS Success Story, UP Police DGP Prashant Kumar : आईपीएस प्रशांत कुमार यूपी पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी हैं। वे वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी हैं। प्रशांत कुमार 1990 बैच के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी हैं।

प्रशांत कुमार के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने का काफी अनुभव है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आईपीएस प्रशांत कुमार पढ़ाई में भी पीछे नहीं रहे हैं, उनकी शिक्षा पुलिस विभाग में चर्चा का विषय है, क्योंकि उनके पास तीन मास्टर डिग्री हैं।

बिहार के सिवान जिले में हुआ था जन्म ? DGP Prashant Kumar

आईपीएस प्रशांत कुमार भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया बन गए हों, लेकिन वे बिहार के रहने वाले हैं। उनका जन्म 16 मई 1965 को सीवान में हुआ था। प्रशांत कुमार साल 1990 में आईपीएस के तौर पर चुने गए थे। पहले उन्हें तमिलनाडु कैडर का आईपीएस बनाया गया था, जिसके बाद उन्होंने निजी कारणों से खुद को यूपी कैडर में ट्रांसफर करवा लिया और साल 1994 में वे यूपी कैडर के आईपीएस बन गए।

पढाई के प्रति था गहरा रुझान ?

आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रशांत कुमार ने एप्लाइड जूलॉजी में एमएससी, डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए और डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज में एमफिल की डिग्री भी हासिल की है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशांत कुमार का पढ़ाई के प्रति कितना गहरा रुझान रहा है।

लगातार 4 बार मिला राष्ट्रपति पदक (DGP Prashant Kumar)

उत्तर प्रदेश के डीजीपी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रशांत कुमार को अब तक चार बार वीरता पुरस्कार मिल चुका है। उन्हें वर्ष 2020 से लेकर 2023 तक लगातार चार बार राष्ट्रपति पुलिस पदक मिल चुका है। बता दें कि जब प्रशांत कुमार मेरठ जोन के एडीजी थे, तब उन्होंने साल 2017 में एक अपहरण की घटना में शामिल अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। तब दिल्ली के मेट्रो अस्पताल के डॉक्टर डॉ. श्रीकांत गौड़ का अपहरण हुआ था।

आरोपी श्रीकांत को लेकर मेरठ पहुंचे थे और परिजनों से पांच करोड़ की फिरौती मांगी थी।

दिल्ली पुलिस और मेरठ की एसएसपी मंजिल सैनी के साथ समन्वय करते हुए प्रशांत कुमार ने मुठभेड़ के दौरान न सिर्फ श्रीकांत गौड़ को सुरक्षित बचाया, बल्कि अपहरणकर्ताओं को सलाखों के पीछे भी पहुंचाया। उन्होंने ऐसे कई मामले सुलझाए हैं और इसीलिए प्रशांत कुमार को ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ कहा जाता है। कहा जाता है कि अब तक उन्होंने 300 एनकाउंटर किए हैं।

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