रीवा। शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय, रीवा के समाज कार्य विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्वस्थ नारी, सशक्त समाज विषय पर एक विचारोत्तेजक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी के निर्देशन में, समाज कार्य विभागाध्यक्ष डॉ. अखिलेश शुक्ल के संयोजन तथा आई.क्यू.ए.सी. एवं चेतना फ्लैगशिप योजना के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ।
जागरूकता जरूरी
प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी ने अपने उद्घाटन उद्बोधन में कहा कि, किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार उसकी महिलाएँ होती हैं, और यदि वे स्वस्थ होंगी तो पूरा समाज, पूरा देश सशक्त बनेगा। महिला स्वास्थ्य पर संवाद, जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महिलाओं के लिए शिक्षा संवाद जरूरी
इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉ. रचना श्रीवास्तव, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र विभाग, शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय ने महिला स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा महिला स्वास्थ्य को केवल शारीरिक दृष्टिकोण से देखना पर्याप्त नहीं, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी मासिक धर्म, प्रसव पूर्व देखभाल, पोषण एवं मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अनेक भ्रांतियाँ एवं उपेक्षाएँ हैं। इन्हें दूर करने के लिए शिक्षा और संवाद ही सबसे प्रभावशाली साधन हैं।
कार्यक्रम की रखी गई रूपरेखा
डॉ. अखिलेश शुक्ल ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि समाज कार्य विभाग सदैव जमीनी मुद्दों पर जन-जागरूकता हेतु संवाद एवं सहभागिता आधारित गतिविधियों को प्राथमिकता देता है। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. प्रियंका तिवारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर आयोजित संवाद ने महिला स्वास्थ्य के प्रति छात्र-छात्राओं को न केवल संवेदनशील बनाया, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में योगदान देने की प्रेरणा भी दी।समाज में परिवर्तन तभी आएगा जब स्वास्थ्य शिक्षा को केवल चिकित्सा के क्षेत्र तक सीमित न रखते हुए इसे सामाजिक विमर्श का हिस्सा बनाया जाए। विद्यार्थियों ने भी महिला स्वास्थ्य विषय पर अपने विचार एवं अनुभव साझा किए।