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आपातकाल के 50वें वर्ष में 69 मीसाबंदियों का रीवा में हुआ सम्मान, बताई यातनाएं

रीवा। 1975 में वो एक दौर आया जब आधीरात को देश में आपातकाल की घोषणा दिल्ली सरकार ने कर दिया। इसके लिए देश भर में विरोध प्रदर्शन होने लगें। रीवा समेत विंध्य के लोगो ने भी सरकार के इस एमरजेंसी का विरोध करने के लिए उतर आए और उन्हे जेल जाना पड़। विंध्य के ऐसे 69 मीसाबंदीयों का मंगलवार को रीवा के कृष्णाराज कपूर ऑडिटोरियम में सम्मान किया गया। जिसमें मीसांबदी संघ के प्रदेश अध्यक्ष समेत मीसाबंदी रहे पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी, पूर्व विधायक रामलखन शर्मा, सुभाष श्रीवास्तव, कौशल सिंह, बृहस्पति सिंह, राजेन्द्र ताम्रकार, प्रभाकर सिह समेत रीवा, सीधी, सतना, शहडोल के मीसाबंदियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान उपस्थित मीसाबंदियों ने बताया कि 18 महीने तक उन्हे जेल में रखा गया। इस दौरान उन्हे तरह-तरह की यतनाएं दी गई, लेकिन देश के लोकतंत्र की इस लड़ाई मे वे हार नही माने।

मीसाबंदियों ने गाया गीत

आयोजित सम्मान समरोह के दौरान पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी समेत सभी ने गीत के माध्यम से इस लड़ाई को बखूबी बताया कि लोकनायक जयप्रकाश के फौलादी विचारों के साथ वे सभी लोकतंत्र की इस लड़ाई के लिए लगे रहे। ज्ञात हो कि आपातकाल 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि थी। जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के आंतरिक और बाहरी खतरों का हवाला देते हुए पूरे देश में आपातकाल की घोषणा की थी। राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आधिकारिक रूप से जारी किया गया आपातकाल, एक प्रचलित आंतरिक अशांति के कारण 25 जून 1975 से प्रभावी था और 21 मार्च 1977 को समाप्त हुआ।

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