Sunil Dutt Birth Anniversary: अपनी दमदार आवाज और शानदार अभिनय के कारण सिने प्रेमियों के दिल में राज करने वाले अभिनेता सुनील दत्त की आज जयंती है। उनका जन्म 6 जून 1929 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब में हुआ था। वह ना केवल दमदार अभिनेता थे बल्कि उम्दा राजनेता भी थे। नरगिस और सुनील दत्त की प्रेम कहानी बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत प्रेम कहानियों में से एक है। जिसमें प्यार, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। उनकी पहली मुलाकात 1950 के दशक में हुई थी, जब सुनील दत्त एक रेडियो जॉकी थे और नरगिस उस समय सिनेमा की बड़ी स्टार थीं। पहला इंटरव्यू वाला किस्सा हमेशा सुनील दत्त के लिए एक मज़ेदार और यादगार पल रहा, जिसे वो अक्सर हंसते हुए सुनाया करते थे।
सुनील दत्त और नरगिस की पहली मुलाकात
सुनील दत्त और नरगिस की पहली मुलाकात का एक मजेदार किस्सा बताया जाता है। जब पहली बार नरगिस को देखकर सुनील दत्त नर्वस हो गए थे। वाकया ऐसा है उस समय सुनील दत्त रेडियो सिलोन में काम करते थे और उन्हें एक बार नरगिस का इंटरव्यू लेने का मौका मिला। सुनील दत्त जो नरगिस के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इंटरव्यू के दौरान इतने नर्वस हो गए कि वो हकलाने लगे। नरगिस ने उनकी घबराहट को समझा और हल्के-फुल्के अंदाज़ में उन्हें सहज किया। इस मुलाकात ने दोनों के बीच एक दोस्ताना रिश्ते की नींव रखी।
फिल्म ‘मदर इंडिया’ की एक दुर्घटना के बाद हुआ प्रेम
1957 में रिलीज हुई महबूब खान की फिल्म “मदर इंडिया” की शूटिंग के दौरान दोनों का रिश्ता और गहरा हुआ। इस फिल्म में नरगिस ने राधा का किरदार निभाया, जबकि सुनील दत्त उनके बेटे बिरजू की भूमिका में थे। एक दिन सेट पर एक बड़ा हादसा हुआ जब आग की लपटों का एक सीन फिल्माते समय नरगिस आग में घिर गईं। सुनील ने बिना अपनी जान की परवाह किए नरगिस को बचाया, जिसके दौरान वो खुद भी घायल हो गए। इस घटना ने नरगिस के दिल में सुनील के लिए गहरा सम्मान और प्यार पैदा किया। नरगिस ने सुनील की देखभाल की और इस दौरान दोनों के बीच भावनात्मक जुड़ाव बढ़ा।
शादी और वैवाहिक ज़िंदगी
लंबी बातचीत और एक-दूसरे को समझने के बाद, नरगिस और सुनील ने 11 मार्च 1958 को एक साधारण समारोह में शादी कर ली। उस समय नरगिस 29 साल की थीं और सुनील 28 साल के। दोनों ने अपने रिश्ते को बहुत निजी रखा और समाज के सामने एक मिसाल कायम की। नरगिस ने शादी के बाद अभिनय छोड़ दिया और सुनील के साथ सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया।
नरगिस के निधन के बाद जीवन बच्चों को समर्पित कर दिया
उनका वैवाहिक जीवन सुख और चुनौतियों से भरा था। सुनील और नरगिस ने मिलकर सामाजिक कार्यों में योगदान दिया। उनके तीन बच्चे- संजय दत्त, नम्रता और प्रिया दत्त उनकी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बने। 1981 में नरगिस की कैंसर से मृत्यु ने सुनील को तोड़ दिया, लेकिन उन्होंने नरगिस की याद में उनके सपनों को जीवित रखा, खासकर उनके सामाजिक कार्यों और नरगिस दत्त फाउंडेशन के ज़रिए। नरगिस के निधन के बाद अपना जीवन बच्चों को समर्पित कर दिया।
केंद्रीय मंत्री भी बने सुनील दत्त
सुनील दत्त राजननेटी में भी सक्रिय थे। वह उत्तर-पश्चिम मुंबई सीट से पांच बार सांसद बने और बाद में 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार में खेल और युवा कल्याण के केंद्रीय मंत्री भी बने और अपनी मृत्यु पर्यंत बने रहे। 25 मई 2005 को हृदयघात से उनका मुंबई में निधन हो गया। बाद में उनकी राजनैतिक विरासत उनकी बेटी प्रिया दत्त ने संभाली।