UP Politics: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) की बिहार में सक्रियता ने भाजपा (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) की टेंशन बढ़ा दी है। बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से दो सीटों रामगढ़ और तरारी पर ओपी प्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) की पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। उनके इस फैसले से भाजपा खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। राजभर की पार्टी के चुनाव लड़ने से भाजपा को सीधा नुकसान होगा।
राजभर की सक्रियता ने भाजपा जदयू की बढाई टेंशन।
ओम प्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) की पार्टी उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी है। पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और उनकी पार्टी के यूपी में छह विधायक हैं। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) भी इसी पार्टी से विधायक चुने गए हैं। बिहार की राजनीति में ओपी राजभर (OP Rajbhar) की सक्रियता ने भाजपा और जदयू की टेंशन बढ़ा दी है।
हमारा गठबंधन यूपी में है, बिहार में नहीं : OM Prakash Rajbhar
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, बिहार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) को इस बारे में जानकारी दी। जिस पर केंद्रीय नेतृत्व ने तुरंत ओम प्रकाश राजभर (OM Prakash Rajbhar) से बात की। बातचीत के दौरान ओपी राजभर ने कहा कि हमारा गठबंधन यूपी में है, बिहार (Bihar) में नहीं।ओपी राजभर की पार्टी के चुनाव लड़ने से बीजेपी को वोटों का नुकसान होने की संभावना है। ऐसे में बीजेपी यह जोखिम लेने को तैयार नहीं है। हालांकि, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के अनुरोध पर राजभर की पार्टी के दोनों उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है।
यूपी के बाद अब बिहार में पैर जमा रहे ओपी राजभर।
आपको बता दें कि, बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) यूपी के बाद बिहार में अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। इसीलिए हर महीने वो बिहार के किसी न किसी कोने में चुनावी सभाएं कर रहे हैं।ओपी राजभर (OP Rajbhar) ने 27 अक्टूबर को नवादा में अपनी पार्टी का 22वां स्थापना दिवस भी मनाया था। इस रैली में उन्होंने बिहार की जनता से तीन मंत्री और दस विधायक देने का वादा किया था। यूपी सरकार में मंत्री राजभर का कहना है कि राजभर, रजवार, राजवंशी और राजघोष समुदाय के लोगों की अपनी कोई पार्टी नहीं है।