हरियाणा की राजनीति में जाट समुदाय को प्रमुखता दिलाने में भी ओमप्रकाश चौटाला (OM PRAKASH CHAUTALA) की अहम भूमिका मानी जाती है,,,,
NEW DELHI: हरियाणा के पूर्व सीएम और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला (OM PRAKASH CHAUTALA) का शुक्रवार को निधन हो गया। 89 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले चौटाला का नाम हरियाणा की राजनीति से कभी मिट नहीं सकता।
5 बार के सीएम 7 बार विधायक
किसान राजनीति के नाम पर उन्होंने जहां सीएम का पद हासिल किया, वहीं उनके नाम तिहाड़ जेल के सबसे उम्रदराज कैदी होने का अनचाहा रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया। 5 बार मुख्यमंत्री और 7 बार विधायक रहे ओमप्रकाश चौटाला को लगभग एक दशक जेल में बिताना पड़ा। कोरोना काल के दौरान 2021 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया । मगर दुर्भाग्य ने उनका साथ नहीं छोड़ा और मई 2022 में उन्हें दूसरे केस में जाना पड़ा। तब उनकी उम्र 87 साल थी। बता दें शिक्षक भर्ती घोटाले में ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय को जेल जाना पड़ा था।
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जब OM PRAKASH CHAUTALA के घड़े में हुए दो फड़
देश के पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के बेटे और उनके परिवार के लिए ये सबसे बड़ा झटका था। इसके बाद इनेलो संभल नहीं पाई और 2019 में उसका विभाजन भी हो गया। जब उनके पोते दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी के नाम से अलग पार्टी बना ली। हरियाणा की राजनीति में जाट समुदाय को प्रमुखता दिलाने में भी ओमप्रकाश चौटाला (OM PRAKASH CHAUTALA) की अहम भूमिका मानी जाती है।
किसानों के मसीहा OM PRAKASH CHAUTALA
राज्य में जाटों की आबादी 27 फीसदी है, जो मुख्य रूप से खेती से जुड़े हैं। ऐसे में चौटाला की राजनीति जाट और किसान केंद्रित रही। 1989 से 2005 तक चौटाला को 5 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का मौका मिला। लेकिन वे केवल एक बार ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर सके। उन्होंने जहां किसानों के मुद्दों को पूरी ताकत से उठाया, वहीं जाटों को लामबंद करने में भी सफल रहे। इसके अलावा वह ग्रामीण समाज की मुखर आवाज थे।
घोटाले की जद में जाना पड़ा जेल
उनके करियर पर सबसे बड़ा दाग था जेबीटी घोटाला यानी शिक्षक भर्ती में अनियमितता था। इस मामले में उन्हें तिहाड़ जेल में बंद रहना पड़ा था। वह तिहाड़ के 19,000 कैदियों में से एक थे और सबसे उम्रदराज़ थे। इसके अलावा 2022 में चौटाला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी दोषी ठहराया गया था। कोर्ट ने इस मामले में चौटाला के ऊपर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।