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Olympics 2024: Vinesh Phogat को अभी भी मिल सकता है रजत पदक,Olympics के नियमों में हुआ था भेदभाव |

Olympics 2024 ,Vinesh Phogat may get silver medal : भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचने से चूक गईं। महिलाओं की 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले Vinesh Phogat को अयोग्य घोषित कर दिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइनल मुकाबले के दिन Vinesh Phogat का वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया। पहलवान ने इस नतीजे को चुनौती देते हुए CAS में अपील की थी। विनेश के रजत पदक मामले में मंगलवार को फैसला आने की उम्मीद है। गौरतलब है कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने नियमों का हवाला देते हुए विनेश की याचिका का विरोध किया था।

नियमावली में कमी के कारण Vinesh Phogat को मिल सकता है पदक

फैसला विनेश के पक्ष में आ सकता है क्योंकि UWW के नियमों में खामी पाई गई है। रेवस्पोर्ट्स की खबर के मुताबिक कुश्ती इकाई ने सुझाव दिया कि विनेश के 100 ग्राम वजन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। नियम के मुताबिक अनुमति नहीं दी गई, लेकिन विनेश को अपवाद नहीं दिया जा सकता। इसलिए विनेश फोगाट को रजत पदक नहीं मिल सकता।

 इस तरह ओलंपिक में Vinesh Phogat के साथ भेदभाव हुआ।

 तब UWW के नियमों में खामी सामने आई। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों के अनुसार, जो पहलवान रेपेचेज में पहुंचता है, उसे फाइनलिस्ट से हार मिलती है। 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में जापान की यूई सुस्की को रेपेचेज राउंड के तहत कांस्य पदक के मुकाबले में खेलने का मौका दिया गया था।

 सुस्की को मौका क्यों मिला?

 अब अगर नियमों पर गौर करें तो विनेश फाइनलिस्ट नहीं थीं, क्योंकि उन्हें अधिक वजन के कारण स्वर्ण पदक के मुकाबले से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। फाइनल मुकाबला क्यूबा की युसेनेलिस गुजमैन और अमेरिका की सारा हिल्डेब्रांड के बीच खेला गया था। फिर किस आधार पर सुस्की को रेपेचेज में लड़ने की इजाजत दी गई?

भारत के पास Olympics की कमियां गिनाने का अवसर

नियमों की मानें तो सुस्की को रेपेचेज खेलने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए थी, लेकिन यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने इसकी इजाजत दे दी। अगर नियमों की मानें तो नियम के आधार पर विनेश को बाहर कर दिया गया और ऐसे में सुस्की को रेपेचेज का हिस्सा नहीं बनने देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के नियमों की कमियां सामने आने के बाद अब देखना होगा कि भारतीय खेमा इस मामले को किस तरह सामने लाता है, जब सीएएस की अंतिम सुनवाई होगी। इसके बाद फैसला सुनाया जाएगा।

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