ओला इलेक्ट्रिक पर सेबी की कड़ी नजर, इनसाइडर ट्रेडिंग और बिक्री आंकड़ों में गड़बड़ी की जांच

भारत की अग्रणी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) एक बार फिर विवादों में घिर गई है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कंपनी के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) और फरवरी 2025 के बिक्री आंकड़ों में कथित अनियमितताओं (Sales Data Irregularities) की जांच शुरू की है। यह जांच कंपनी के लिए नई चुनौतियां ला सकती है, जो पहले से ही उपभोक्ता शिकायतों (Consumer Complaints) और नियामकीय दबावों का सामना कर रही है। आइए इस मामले के प्रमुख बिंदुओं पर नजर डालते हैं।

सेबी जांच का आधार

सेबी ने ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ अक्टूबर से दिसंबर 2024 की अवधि में इनसाइडर ट्रेडिंग के दो मामलों की जांच शुरू की है (Ola Electric Insider Trading Probe 2024)। इसके साथ ही, कंपनी के संबंधित पक्षों के लेनदेन (Related Party Transactions) और बिक्री आंकड़ों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठे हैं। फरवरी 2025 में कंपनी ने 25,000 इलेक्ट्रिक स्कूटर बिक्री का दावा किया, लेकिन सरकारी VAHAN पोर्टल पर केवल 8,600 पंजीकरण (Vehicle Registrations) दर्ज हुए। इस अंतर ने निवेशकों को भ्रमित करने (Misleading Investors) का संदेह पैदा किया है।

बिक्री आंकड़ों पर विवाद

फरवरी 2025 के बिक्री दावों में ओला इलेक्ट्रिक ने 25,000 यूनिट्स बेचने की बात कही, लेकिन VAHAN पोर्टल के आंकड़ों ने इसकी सत्यता पर सवाल उठाए। कंपनी ने स्पष्ट किया कि यह आंकड़ा पक्के और कन्फर्म ऑर्डर (Confirmed Orders) पर आधारित था, और पंजीकरण में देरी (Registration Delays) के कारण अंतर आया। सेबी अब यह जांच कर रहा है कि क्या कंपनी ने इन आंकड़ों में गलत जानकारी (False Disclosures) देकर निवेशकों को गुमराह किया। इससे पहले जनवरी 2025 में सेबी ने कंपनी को सोशल मीडिया पर समय से पहले जानकारी साझा करने (Premature Information Sharing) के लिए चेतावनी दी थी।

अन्य नियामकीय मुश्किलें

सेबी की जांच के अलावा, ओला इलेक्ट्रिक को उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) से भी नोटिस मिला है, जो 11,000 से अधिक उपभोक्ता शिकायतों (Customer Grievances) पर आधारित है। चार राज्यों में कंपनी के कुछ स्टोर्स को ट्रेड सर्टिफिकेट (Trade Certificate Violations) के उल्लंघन के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। हाल ही में महाराष्ट्र में 100 से अधिक शोरूम बंद होने की अफवाहें भी उड़ीं, जिनका कंपनी ने खंडन किया है।

शेयर बाजार पर असर

2 मई 2025 को ओला इलेक्ट्रिक के शेयर (Ola Electric Stock) दिन के उच्चतम स्तर 49.32 रुपये तक पहुंचे, लेकिन दिन के अंत में 0.55% की गिरावट के साथ 48.45 रुपये पर बंद हुए। सेबी की जांच की खबरों के बावजूद शेयरों में स्थिरता रही, जो कंपनी के लिए राहत की बात है। हालांकि, जांच के परिणाम कंपनी की बाजार स्थिति और निवेशक विश्वास (Investor Trust) को प्रभावित कर सकते हैं।

कंपनी की प्रतिक्रिया

ओला इलेक्ट्रिक ने बिक्री आंकड़ों में अंतर को पंजीकरण प्रक्रिया में देरी और ऑर्डर प्रणाली से जोड़ा है। कंपनी का कहना है कि वह सभी नियामकीय जांचों में पूरा सहयोग कर रही है और ट्रेड सर्टिफिकेट नोटिस का जवाब दे रही है। फिर भी, सेबी की गहन जांच (SEBI Detailed Probe) और पहले की चेतावनियां कंपनी की पारदर्शिता पर सवाल उठा रही हैं।

ओला इलेक्ट्रिक, जो भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र (Electric Vehicle Industry) में अग्रणी रही है, अब नियामकीय और कॉरपोरेट गवर्नेंस (Corporate Governance Issues) के मोर्चे पर मुश्किलों का सामना कर रही है। सेबी की जांच से इनसाइडर ट्रेडिंग और बिक्री खुलासों में पारदर्शिता की कमी (Lack of Transparency) जैसे मुद्दे उजागर हुए हैं। यह मामला न केवल कंपनी की साख, बल्कि पूरे इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में निवेशक भरोसे (EV Sector Investor Confidence) को प्रभावित कर सकता है। कंपनी को भविष्य में अपनी प्रक्रियाओं को मजबूत करना होगा ताकि नियामकीय अनुपालन (Regulatory Compliance) सुनिश्चित हो सके।

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