फिलहाल अगर कोई ग्राहक ओला ऐप पर रिफंड के लिए शिकायत करता है तो कंपनी (OLA CABS) उसे रिफंड के तौर पर एक कूपन देती है,,,,,
OLA CABS सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ओला कैब्स को अब उपभोक्ता को रिफंड देते समय बैंक खाते या कूपन में से किसी एक को चुनने का विकल्प देना होगा। फिलहाल अगर कोई ग्राहक ओला ऐप पर रिफंड के लिए शिकायत करता है तो कंपनी (OLA CABS) उसे रिफंड के तौर पर एक कूपन देती है। जिसका इस्तेमाल वह ओला ऐप पर अगली सवारी के लिए ही कर सकता है।
OLA CABS को मिला निर्देश
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कंपनी को यह आदेश जारी किया। नियामक ने कहा, ‘चाहे उपभोक्ता रिफंड सीधे अपने बैंक खाते में मांगे या कूपन के रूप में, ओला कैब्स (OLA CABS) को उसी फॉर्म में रिफंड देना होगा।’उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा कि रिफंड का विकल्प नहीं देना उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है। ऐसा करके कंपनी ग्राहकों को दूसरी सवारी लेने के लिए मजबूर करती है।
बुक करने में मिलेगा ऑप्शन
सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने ओला को अपने प्लेटफॉर्म पर बुक की गई सभी ऑटो सवारी के लिए ग्राहकों को बिल या रसीद या चालान प्रदान करने का निर्देश दिया। नियामक ने कहा कि अगर कोई उपभोक्ता प्लेटफॉर्म पर बुक की गई ऑटो सवारी के लिए चालान प्राप्त करना चाहता है। तो ऐप ‘ऑटो सेवा के नियमों में बदलाव’ का हवाला देकर ऐसा करने से इनकार कर देता है।
10000 हजार से अधिक शिकायतें OLA CABS की
इस साल 9 अक्टूबर तक ओला के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर 2,061 शिकायतें दर्ज की गईं। जिनमें से ज्यादातर बुकिंग के समय से अधिक किराया लेने और ग्राहकों को राशि वापस न करने से संबंधित थीं। पिछले हफ्ते, CCPA ने उपभोक्ता अधिकारों के कथित उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। एनसीएच पर सूचीबद्ध कंपनी के खिलाफ 10,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं।
ऐसे होती है कंपनी की कमाई
ओला केवल कैब बुकिंग सेवा प्रदान करती है। कंपनी के पास अपनी कोई कार नहीं है। इसके बावजूद कंपनी पैसा कैसे कमाती है? ओला का काम अपने ऐप के जरिए ग्राहकों और ड्राइवरों को जोड़ना है। ओला ऐप पर की गई बुकिंग से कुछ प्रतिशत कमीशन लेती है।