Officials demand bribe to revive dead man in documents: रीवा जिले की डभौरा नगर पंचायत में तीन साल पहले जिस व्यक्ति को अधिकारियों ने दस्तावेज़ों में मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी थी। उसी व्यक्ति को पुन: जिंदा साबित करने के लिए अधिकारी व कर्मचारी रिश्वत मांग रहे हैं। ऐसे भी हितग्राही ऑफिस-ऑफिस भटक रहा है। दरअसल नगर पंचायत डभौरा के वार्ड क्रमांक 1 में रहने वाले जगदीश कुशवाहा लम्बे समय से पेंशन बंद होने पर गत दिनों नगर पंचायत कार्यालय डभौरा पहुंचे। जहां उन्होंने अधिकारियों से अपनी पेंशन बंद किये जाने का कारण पूछा, तो उन्हें जिंदा देख अधिकारी व कर्मचारियों के होश उड़ गए। हैरत हो भी क्यों न, जिस व्यक्ति को अभिलेख में वो मृत बता रहे थे वह व्यक्ति जिंदा उनके सामने खड़ा हुआ था। इसके बाद अधिकारियों ने उसे बताया कि अभिलेखों के मुताबिक उसकी तीन साल पहले मृत्यु चुकी है और जिसकी वजह से उसकी पेंशन बंद कर दी गई। अब तीन साल पहले दस्तावेजों में मृत घोषित हो चुका यह वृद्ध शासन की योजनाओं का लाभ पाने के लिए ऑफिस-ऑफिस भटक रहा है। इस बात की जानकारी होने पर एसडीएम व डभौरा नगर पंचायत के सीएमओ उसके घर सत्यापन करने पहुंचे।
जिंदा बताने के लिए भटक रहा ऑफिस-ऑफिस
जिस जगदीश कुशवाहा को कागजों में मृतक घोषित कर दिया गया है, उसके मुताबिक अब अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं हर कार्यालय में उसे जिंदा करने के बदले पैसा मांगे जा रहे हैं बिना पैसे दिए कोई काम करने को तैयार नहीं है।
जिंदा को मृत बनाने वाले को कुछ नहीं
जगदीश कुशवाहा का मामला सामने आने के बाद अधिकारी अब उसे पोर्टल में सुधार कर उसकी पेंशन चालू करने की बात कह रहे हैं लेकिन इस पूरे मामले में दोषी कर्मचारी व अधिकारी पर कार्रवाई की बात पर कुछ नहीं बोल रहे हैं। जबकि हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ देने सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हालांकि जगदीश कुशवाहा के जिंदा होने के खबर पर मौके में एसडीएम और नगर पंचायत सीएमओ पहुंचकर जल्द ही पेशन सहित अन्य योजनाओं को लाभ दिलाने की बात कही है।
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