Harda firecracker factory blast: यात्रा संयोजक हेमंत चौहान के नेतृत्व में पीड़ितों को उचित मुआवजा व पुनर्वास की मांग को लेकर 14 नवंबर को पीड़ित सीएम आवास भोपाल के लिए निकले थे. न्याय पदयात्रा शुक्रवार को नेवावर, संदलपुर होते हुए थाना नेवावर क्षेत्र के दीपगांव पंचायत भवन में ठहरी थी.
6 फरवरी 2024 को हुए हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों की न्याय यात्रा को रोकने के लिए कलेक्टर और एसपी शनिवार को सीहोर जिले के बॉर्डर पर पहुंच गए. दोनों अधिकारियों ने पीड़ितों की मांगे पूरी करने के आश्वासन दिया, लेकिन वे भोपाल जाने की बात पर अड़े रहे. पीड़ितों का कहना है कि फैक्ट्री मालिक को बीमारी के कारण जमानत मिल गई. अब वो हमे धमकी दे रहा है. इसके बाद कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी अभिनव चौकसे ने मांगे पूरी करने की बात लिखित में भी देने को कहा.
यात्रा संयोजक हेमंत चौहान के नेतृत्व में पीड़ितों को उचित मुआवजा व पुनर्वास की मांग को लेकर 14 नवंबर को पीड़ित सीएम आवास भोपाल के लिए निकले थे. न्याय पदयात्रा शुक्रवार को नेवावर, संदलपुर होते हुए थाना नेवावर क्षेत्र के दीपगांव पंचायत भवन में ठहरी थी. शनिवार की सुबह यात्रा सीहोर जिले के गोपालपुर नर्मदा स्कूल के पास पहुंची। यात्रा में 33 महिला, पुरुष व बच्चे शामिल हैं. यहां यात्रा को प्रशासन और पुलिस ने रोक लिया।
हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी अभिनव चौकसे सहित जिले के अधिकारी पदयात्रा कर रहे परिवारों को समझाइश देने व यात्रा खत्म करने पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि लिखित में देने की बात भी कही. ज्यादातर लोगों का कहना है कि मुआवजे की पूरी राशि और टूटे मकानों का मुआवजा दिलाए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के पास जाना चाहते हैं. हम अपनी न्याय यात्रा को आगे बढ़ाएंगे। लगभग दो घंटे की समझाइश के बाद हरदा प्रशासन और पीड़ित परिवारों के बीच चर्चा हुई.
जमानत के बाद वसूली कर रहा आरोपी
कलेक्टर और एसपी जिस समय पीड़ितों को समझाइश दे रहे थे तभी एक पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश उर्फ़ राजू अग्रवाल को कोर्ट ने किडनी ख़राब होने की वजह से छह माह की अंतरिम जमानत दी है. लेकिन वह जेल से बाहर आने के बाद अपना रुपया वसूल रहा है. सीहोर एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने कहा कि सीहोर जिले की सीमा पर न्याय यात्रा से हरदा के प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस द्वारा बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास की जा रहा है.