Nyay Yoddha Rahul Gandhi: कांग्रेस पार्टी इस समय भले ही लगातार चुनाव हार रही हो लेकिन राहुल गांधी के PR में कोई कमी नहीं होने दे रही है. लोकसभा चुनाव में हार मिलने के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी को देश का प्रधान मंत्री ही मान लिया था। राहुल गांधी को जननायक का तमगा दिया गया था ऐसा जननायक जिसके पक्ष में जनता थी ही नहीं। जननायक टाइटल के साथ राहुल गांधी का इतना प्रचार हुआ फिर भी कांग्रेस को महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में बड़ी करारी शिकस्त मिली। राहुल गांधी खुद को जननायक कहलवाकर भी जनता के नायक नहीं बन पाए अब बिहार चुनाव की घड़ी आ गई है. इसी के साथ एक नए राहुल गांधी की लॉन्चिंग की गई है अब राहुल गांधी जननायक से न्याय योद्धा (Nyay Yoddha) बन गए हैं.
राहुल गांधी जनता को जातियों में बांट कर, आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाकर, देश में अगड़ी और पिछड़ी जातियों के बीच नफरत की आग जलाकर खुद को न्याय योद्धा कहलवाने लगे हैं. पता नहीं राहुल गाँधी ने किसके साथ न्याय कर दिया।
सिर्फ राहुल गांधी ही योद्धा नहीं हैं साथ में सोनिया गांधी को भी योद्धा कहा जा रहा है. सोनिया गांधी सिर्फ योद्धा हैं और राहुल गांधी न्याय योद्धा। सोनिया गांधी को योद्धा इस लिए कहा जा रहा क्योंकी वो राहुल गांधी की मां हैं और मां योद्धा होती है. यह KFG फिल्म का डायलॉग है और कांग्रेस इसी डायलॉग के आधार पर सोनिया गांधी को योद्धा कहने लगी है.
बिहार में चुनाव होने हैं
इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां जातिगत आरक्षण हो चुका है इसी लिए राहुल गांधी ने बिहार में पलायन रोकने का मुद्दा साथ में लेकर चल रहे हैं. बाकी राज्यों में जैसे गुजरात, यहां राहुल गांधी अगड़ी और पिछड़ी जातियों में नफरत का बीज बोने का काम कर रहे हैं. राहुल गांधी देश की बड़ी आबादी को नीची जाति का कहकर न सिर्फ उनका अपमान कर रहे हैं बल्कि उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक बता रहे हैं.
राहुल गांधी को मालूम ही नहीं है कि देश की राष्ट्रपति आदिवासी हैं, पिछले राष्ट्रपति दलित थे, देश के प्रधान मंत्री OBC हैं, देश के 15 केंद्रीय मंत्री ST हैं, 27 OBC हैं. राहुल गाँधी सो काल्ड न्याय योद्धा अब क्या चाहते हैं?