Number Of Rafale Fighter Jets In India: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों (Rafale Fighter Jets) के साथ अपनी युद्धक क्षमता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। भारत के पास वर्तमान में 36 राफेल विमान हैं, जो 2016 में फ्रांस के साथ हुए 59,000 करोड़ रुपये के सौदे (Rafale Deal) के तहत 2019 से 2022 के बीच डिलीवर किए गए। इसके अतिरिक्त, भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए 26 राफेल मरीन जेट्स (Rafale-M Jets) की खरीद को हाल ही में मंजूरी दी गई है। यह खबर राफेल विमानों की संख्या और उनकी मारक क्षमता (Combat Capability Of Rafale) पर प्रकाश डालती है।
भारत के पास राफेल विमानों की संख्या
Number of Rafale aircraft India: भारत ने 2016 में फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) के साथ 36 राफेल विमानों का सौदा किया था। ये विमान दो स्क्वाड्रनों में तैनात हैं:
- 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ (Golden Arrows): अंबाला, हरियाणा में तैनात, जिसमें 18 राफेल विमान हैं।
- 101 स्क्वाड्रन ‘फाल्कन्स’ (Falcons): हासीमारा, पश्चिम बंगाल में तैनात, जिसमें शेष 18 विमान हैं। पहली खेप 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंची थी, और अंतिम विमान अप्रैल 2022 में डिलीवर हुआ। इसके अलावा, नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन जेट्स (22 सिंगल-सीट और 4 ट्रेनर) की खरीद को 9 अप्रैल 2025 को मंजूरी दी गई, जिनका सौदा 28 अप्रैल 2025 को होने की उम्मीद है। ये विमान आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) और आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) पर तैनात होंगे।
राफेल की मारक क्षमता
Combat Capability Of Rafale: राफेल एक 4.5 जेनरेशन मल्टीरोल फाइटर जेट (Multirole Fighter Jet) है, जो अपनी उन्नत तकनीक और बहुमुखी युद्धक क्षमताओं के लिए जाना जाता है। यह हवा से हवा से हवा से जमीन (Air-to-Ground), और समुद्री हमलों (Anti-Ship Attacks) में सक्षम है। भारत के राफेल विमानों में 13 विशेष संवर्द्धन शामिल हैं, जो इसे विश्व में सबसे उन्नत राफेल वेरिएंट बनाते हैं।
राफेल जेट की प्रमुख विशेषताएं और हथियार
- उन्नत हथियार प्रणाली (Rafale Weapon Systems):
- मेटेओर मिसाइल (Meteor BVRAAM): यह बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (Beyond Visual Range Air-to-Air Missile) 150 किमी से अधिक दूरी तक लक्ष्य भेद सकती है, जो इसे पाकिस्तान के F-16 और चीन के J-20 जैसे विमानों पर बढ़त देती है।
- स्काल्प मिसाइल (Scalp Cruise Missile): 300 किमी रेंज वाली यह क्रूज मिसाइल जमीनी ठिकानों पर सटीक हमले के लिए है।
- ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Cruise Missile): भारत निर्मित सुपरसोनिक मिसाइल, जिसे राफेल में एकीकृत करने की योजना है, 400 किमी तक मार कर सकती है।
- हैमर मिसाइल (HAMMER Missile): हवा से जमीन पर सटीक हमलों के लिए, जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्रभावी है।
- माइका मिसाइल (MICA Missile): मल्टी-टारगेट एयर-टू-एयर मिसाइल, जो हवा में श्रेष्ठता प्रदान करती है।
- उन्नत सेंसर और रडार (Rafale Sensors and Radar):
- AESA रडार (Active Electronically Scanned Array Radar): यह रडार 200 किमी से अधिक दूरी पर कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है, जिससे राफेल को स्टील्थ विमानों (Stealth Aircraft) का पता लगाने में मदद मिलती है।
- इन्फ्रा-रेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम (Rafale IRST System): दुश्मन के विमानों और मिसाइलों का पता लगाने के लिए।
- स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम (SPECTRA EW System): यह दुश्मन के रडार और मिसाइलों को जाम करने में सक्षम है, जिससे राफेल की जीवित रहने की क्षमता (Survivability) बढ़ती है।
- उड़ान क्षमता (Rafale Flight Performance):
- अधिकतम गति: मैक 1.8 (लगभग 2,223 किमी/घंटा)।
- कॉम्बैट रेंज: 1,000 किमी से अधिक, जो हवाई ईंधन भरने (Air-to-Air Refueling) के साथ बढ़ सकती है।
- न्यूनतम लैंडिंग गति: 115 नॉट (213 किमी/घंटा), जो इसे विमानवाहक पोतों (Aircraft Carriers) पर संचालन के लिए उपयुक्त बनाती है।
- अधिक गतिशीलता (High Maneuverability): डेल्टा विंग और कैनार्ड डिजाइन (Delta Wing and Canard Design) के साथ राफेल 9 जी तक का त्वरण सहन कर सकता है।
- विशेष संवर्द्धन
- लो-बैंड फ्रीक्वेंसी जैमर (Low Band Frequency Jammer): दुश्मन के रडार को बाधित करने के लिए।
- हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले (Helmet-Mounted Display): पायलट को बेहतर स्थिति जागरूकता प्रदान करता है।
- हाई-एल्टीट्यूड इंजन स्टार्ट-अप (High-Altitude Engine Start-Up): ऊंचाई वाले क्षेत्रों जैसे लद्दाख में संचालन के लिए।
- सिंथेटिक अपर्चर रडार (Synthetic Aperture Radar): जमीन पर गतिशील लक्ष्यों को ट्रैक करने के लिए।
राफेल विमानों ने भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता (Indian Air Force Combat Capability) को कई गुना बढ़ा दिया है। ये विमान पुराने मिग-21 और मिग-27 (MiG-21 and MiG-27) की जगह ले रहे हैं और मिराज 2000 (Mirage 2000) की कुछ भूमिकाओं को भी संभालेंगे। राफेल की तैनाती खासकर उत्तरी और पूर्वी सीमाओं (Northern and Eastern Borders) पर महत्वपूर्ण है, जहां ये चीन के J-20 स्टील्थ फाइटर (J-20 Stealth Fighter) और पाकिस्तान के F-16 (F-16 Fighter) के खिलाफ प्रभावी हैं। 2022 में यूएई वायुसेना (UAE Air Force) के साथ युद्धाभ्यास में राफेल ने अपनी अंतरराष्ट्रीय संगतता (Interoperability) साबित की।
नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन जेट्स की खरीद (Rafale-M Procurement) भारत की समुद्री शक्ति (Maritime Power) को बढ़ाएगी। ये विमान मिग-29K (MiG-29K) की जगह लेंगे और विमानवाहक पोतों पर संचालन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं। इनमें प्रबलित अंडरकैरिज (Reinforced Undercarriage) और लंबी नाक (Longer Nose) जैसे संशोधन शामिल हैं। यह सौदा 50,000 करोड़ रुपये का अनुमानित है, और डिलीवरी 2028 से शुरू होने की उम्मीद है।
भविष्य में भारत 114 और मल्टीरोल फाइटर जेट्स (Multi-Role Fighter Aircraft) की खरीद पर विचार कर रहा है, जिसमें राफेल एक प्रमुख दावेदार है। साथ ही, स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) परियोजना भी प्रगति पर है।