NPCI ने लॉन्च किया AI-पावर्ड असिस्टेंट ‘UPI हेल्प’: डिजिटल पेमेंट क्वेरीज़ को आसान बनाएगा,

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल पेमेंट को और सुगम बनाने के लिए एक नया कदम उठाया है। 22 अक्टूबर 2025 को NPCI ने AI-पावर्ड असिस्टेंट ‘UPI हेल्प’ (UPI Help AI Assistant) लॉन्च किया, जो यूजर्स की पेमेंट से जुड़ी समस्याओं, शिकायतों और ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट में मदद करेगा। यह सुविधा यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को बेहतर अनुभव देने के लिए डिज़ाइन की गई है और इसे बैंकों, डिजी सathi, और अन्य चैनलों के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा। क्या यह कदम डिजिटल इंडिया को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा? आइए जानें पूरी डिटेल।

UPI हेल्प की खासियत: AI से लैस समाधान

‘UPI हेल्प’ एक AI-आधारित चैटबॉट और असिस्टेंट है, जो यूजर्स को ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक करने, शिकायत दर्ज करने, और मैनडेट मैनेजमेंट में सहायता प्रदान करेगा। इसके मुख्य फीचर्स में शामिल हैं:

  • ट्रांजैक्शन ट्रैकिंग: अधूरी या लंबित पेमेंट्स की स्थिति जानने की सुविधा।
  • शिकायत निवारण: मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शंस में सेवा संबंधी समस्याओं के लिए UDIR प्रक्रिया के तहत शिकायत।
  • 24/7 सपोर्ट: बैंकों की वेबसाइट्स, चैटबॉट्स, और मोबाइल ऐप्स के जरिए निरंतर उपलब्धता। NPCI के सीईओ दिलीप असबे (Dilip Asbe) ने कहा, “यह कदम यूजर्स को सशक्त बनाएगा और UPI को और विश्वसनीय बनाएगा।”

लॉन्च और पहुंच: बैंकों के साथ साझेदारी

UPI हेल्प’ को 21 सदस्य बैंकों के साथ पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया है, जिसमें SBI, HDFC, और ICICI जैसे बड़े नाम शामिल हैं। यह असिस्टेंट हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है, और जल्द ही अन्य भारतीय भाषाओं में भी आएगा। यूजर्स इसे अपने बैंक के कस्टमर इंटरफेस या डिजी साथी ऐप के जरिए एक्सेस कर सकेंगे।

UPI की बढ़ती लोकप्रियताUPI ने पिछले साल 10,000 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शंस रिकॉर्ड किए, लेकिन तकनीकी और सेवा संबंधी शिकायतों में भी वृद्धि हुई। ‘UPI हेल्प’ का उद्देश्य इन चुनौतियों को कम करना है। इससे पहले NPCI ने ‘हेलो! UPI’ (Hello! UPI) लॉन्च किया था, जो वॉयस-आधारित पेमेंट्स के लिए था। अब ‘UPI हेल्प’ इसे और मजबूत करेगा।

डिजिटल अर्थव्यवस्था पर असरयह कदम डिजिटल इंडिया (Digital India Initiative) और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे छोटे व्यापारियों और ग्रामीण यूजर्स को भी फायदा होगा। एनालिस्ट्स अनुमान लगाते हैं कि 2026 तक UPI ट्रांजैक्शंस 15,000 करोड़ तक पहुंच सकते हैं।

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