MP News: मध्य प्रदेश पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में 4,000 नए कांस्टेबलों के प्रशिक्षण के दौरान ADG राजाबाबू सिंह ने रामचरितमानस का अध्ययन करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि इससे नैतिकता और अनुशासन का विकास होगा।
मध्य प्रदेश में जुलाई 2025 से नव भर्ती 4,000 से अधिक कांस्टेबलों की नौ महीने की बेसिक ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। यह प्रशिक्षण प्रदेश के आठ पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में चल रहा है। इस बीच, ट्रेनिंग एडीजी राजाबाबू सिंह ने एक अनूठा सुझाव देकर चर्चा शुरू कर दी है। उन्होंने सभी ट्रेनी कांस्टेबलों को रात में सोने से पहले रामचरितमानस का पाठ करने की सलाह दी है, ताकि उनमें नैतिक मूल्य और अनुशासन का विकास हो।
एडीजी का सुझाव- भगवान राम से लें प्रेरणा
एडीजी राजाबाबू सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों को यह निर्देश दिया। उन्होंने एएनआई को बताया कि नए आपराधिक कानूनों के तहत तकनीकी बदलावों को ध्यान में रखते हुए ‘ई-कॉप’ नामक एक कोर्स भी डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने कहा, “मैंने सभी एसपी को सुझाव दिया कि वे ट्रेनीज को रामचरितमानस का पाठ करने के लिए प्रेरित करें। भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लें, जिन्होंने वनवास में संघर्ष किया और समाज सेवा में समर्पित रहे।
ट्रेनीज की सकारात्मक प्रतिक्रिया
ट्रेनी कांस्टेबल रवि कुमार तिवारी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “एडीजी साहब ने बताया कि भगवान राम ने अपने पिता की आज्ञा मानकर वनवास स्वीकार किया और समाज कल्याण के लिए कार्य किया। हम भी नौ महीने की ट्रेनिंग समाज की भलाई के लिए कर सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि रामचरितमानस का पाठ नैतिक प्रेरणा देता है और जीवन को आदर्श दिशा प्रदान करता है।
सांस्कृतिक दृष्टिकोण और संवेदनशीलताएं
यह पहल पुलिस प्रशिक्षण के पारंपरिक ढांचे से हटकर सांस्कृतिक और मूल्यनिष्ठ दृष्टिकोण को दर्शाती है। ट्रेनीज के बीच इसकी सराहना हो रही है, लेकिन कुछ संवेदनशीलताएं भी जुड़ी हैं, क्योंकि सभी ट्रेनी एक ही धार्मिक पृष्ठभूमि से नहीं हैं। हालांकि, अब तक इस पर कोई सार्वजनिक आपत्ति दर्ज नहीं की गई है।