Madhya Pradesh News | अब INDIA की जगह केवल भारत, मध्यप्रदेश के इस विश्वविद्यालय का फैसला

Madhya Pradesh News In Hindi: मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर स्थित महर्षि पाणिनी संस्कृत और वैदिक विश्वविद्यालय ने बड़ा निर्णय लिया है, विश्वविद्यालय प्रबंधन के निर्णय अनुसार अब विश्वविद्यालय की वेबसाइट्स और समस्त आधिकारिक दस्तावेजों में इंडिया शब्द की जगह भारत शब्द प्रयुक्त होगा, और इस निर्णय को तत्काल ही लागू किए जाने का निर्णय, सर्वसम्मति से विश्वविद्यालय परिषद की बैठक में लिया गया है। मध्यप्रदेश का यह पहला विश्वविद्यालय है जिसने ऐसा फैसला किया है।

विश्वविद्यालय परिषद की बैठक में हुआ हुआ निर्णय

अब इंडिया की जगह केवल भारत शब्द प्रयुक्त किया जाएगा, इस बात का निर्णय विश्वविद्यालय परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति विजय कुमार के नेतृत्व में विश्वविद्यालय परिषद की बैठक में, परिषद के एक सदस्य गौरव धाकड़ ने यह प्रस्ताव रखा, विश्वविद्यालय की वेबसाइट और समस्त दस्तावेजों में इंडिया की जगह भारत शब्द प्रयुक्त हो, जिसका परिषद के सभी सदस्यों ने एकमत से समर्थन किया और तत्काल इस फैसले को लागू भी किया जाएगा।

भारत और इंडिया को लेकर लंबी बहस

दरसल अपने देश में भारत और इंडिया शब्दों को लेकर बहस आज की नहीं है, बल्कि आजादी से पहले से चल रही है, 1947 में जब देश आजाद हुआ तो संविधान सभा में देश के नाम को भारत या इंडिया रखने पर खूब चर्चा हुई, जिसके बाद संविधान के अनुच्छेद-1 में लिखा गया “India That Is Bharat”, जिसका अर्थ था इंडिया जो भारत, इसका मतलब था, देश के लिए भारत और इंडिया दोनों नाम प्रयोग किए जा सकते हैं।

निमंत्रण पत्र पर लिखा था ” प्रेसीडेंट ऑफ भारत”

पिछले ही साल दिल्ली के प्रगति मैदान में G-20 सम्मिट का आयोजन हुआ था, तब मेहमानों को समिट के लिए भेजे गए निमंत्रण पत्र में लिखा था “President Of Bharat”, जबकि पहले लिखा होता था “President Of India”, इस बदलाव के बाद देश के नाम को लेकर फिर नई बहस शुरू हो गई थी। कई लोग तो यहाँ तक सुझाव देने लगे थे कि देश का नाम केवल भारत होना चाहिए।

देश के नाम को लेकर क्या कहता है इतिहास

देश का सबसे पुराना नाम क्या था, यह इतिहासकारों के मध्य डिबेट का विषय है, लेकिन विद्वान मानते हैं विश्व सभ्यता के प्रारंभ के दौर में ज्ञात भारतीय क्षेत्रों को मेलुहा कहा जाता था। क्योंकि भारत या भारतवर्ष शब्द का सबसे पहला जिक्र हाथीगुंफा अभिलेख में आया है, यह अभिलेख कलिंग (ओड़ीसा) के राजा खारवेल का है। जबकि 250 ईसापूर्व मौर्यवंशीय सम्राट अशोक के सासाराम लघु अभिलेख में भारतवर्ष की जगह जंबूद्वीप शब्द आया है। जबकि देश के लिए इंडस या इंडिया शब्द ईसा से 3-4 शताब्दी पूर्व ग्रीक लेखकों के लेखन में मिलता है। उससे भी पहले फारस के राजा डेरियस प्रथम के अभिलेखों में उसके द्वारा जीते गए भारतीय प्रांतों का उल्लेख हिंदुस के तौर पर है। यह क्षेत्र सिंधु नदी के किनारे का क्षेत्र रहा होगा।

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