अब मोबाइल पर नंबर के साथ कॉलर का नाम भी दिखेगा, TRAI और DoT का बड़ा फैसला

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) और दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत अब मोबाइल पर कॉल आने पर नंबर के साथ कॉलर का नाम भी दिखेगा। 29 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सुविधा कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (Calling Name Presentation – CNAP) के तहत लागू की जाएगी, जो फ्रॉड कॉल्स (Fraud Calls) और साइबर क्राइम (Cyber Crime) को रोकने में मदद करेगी।

CNAP एक नई तकनीक है, जिसमें कॉलर का नाम उनके रजिस्टर्ड आईडी प्रूफ (Registered ID Proof) के आधार पर दिखाया जाएगा। यह सुविधा किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप (Third-Party App) के बिना, डिफॉल्ट रूप से (Default Setting) काम करेगी। TRAI और DoT ने यह फैसला फ्रॉड कॉल्स और स्पूफिंग (Spoofing) को रोकने के लिए लिया है, जो पिछले कुछ सालों में भारत में तेजी से बढ़े हैं।

कैसे काम करेगा?

जब कोई कॉल आएगी, तो मोबाइल स्क्रीन पर नंबर के साथ कॉलर का नाम दिखेगा, जो उनके सिम कार्ड रजिस्ट्रेशन (SIM Card Registration) के दौरान दिए गए आईडी प्रूफ से मेल खाएगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई अनजान नंबर (Unknown Number) से कॉल करता है, तो उसका नाम भी दिखेगा, जिससे यूजर्स को यह तय करने में मदद मिलेगी कि कॉल उठानी है या नहीं।

TRAI और DoT की प्रतिक्रिया

TRAI के चेयरमैन एनील कुमार लाहोटी (Anil Kumar Lahoti) ने कहा, “यह कदम मोबाइल यूजर्स को सुरक्षित बनाने के लिए है। फ्रॉड कॉल्स और साइबर क्राइम्स से निपटने में यह एक बड़ा कदम होगा।” वहीं, DoT के सचिव नीरज मित्तल (Neeraj Mittal) ने कहा, “हमने इस सुविधा को लागू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को निर्देश दिए हैं, और यह जल्द ही शुरू हो जाएगी।”

फायदे: क्या होगा लाभ?

  • फ्रॉड कॉल्स को रोकना: अनजान नंबरों से आने वाली फ्रॉड कॉल्स को पहचानना आसान होगा।
  • सुरक्षा बढ़ाना: यूजर्स को यह तय करने में मदद मिलेगी कि कौन सी कॉल महत्वपूर्ण है।
  • स्पूफिंग को कम करना: स्पूफिंग, जिसमें कॉलर अपना नंबर छिपाता है, को रोकने में मदद मिलेगी।

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