Muzaffarnagar Kanwar Yatra | अब कांवड़ यात्रा पर होगी राजनीति ?

Muzaffarnagar Kanwar Yatra Vivad: मुजफ्फरनगर कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर पुलिस द्वारा दिए गए आदेश पर विवाद जारी है। इस बीच खुद एनडीए दलों ने पुलिस के निर्देश पर सवाल उठाए हैं। सहयोगी दल जेडीयू, आरएलडी समेत खुद बीजेपी नेता पुलिस के इस निर्देश पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं, चल रहे विवाद के बाद पुलिस ने एक और निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि होटल और ढाबों के मालिक अपनी मर्जी से दुकान के बाहर अपना नाम और रेट कार्ड लगा सकते हैं, जिसे पहले ‘अनिवार्य’ बताया गया था।

Muzaffarnagar Kanwar Yatra

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दरअसल, मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) शुरू होने से पहले इसको लेकर निर्देश जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा के रूट पर पड़ने वाली दुकानों, ढाबों और ठेलों पर विक्रेता का नाम लिखना जरूरी होगा। इसके बाद विपक्ष ने लगातार यूपी सरकार की आलोचना की। इस आदेश को गैरकानूनी, संविधान विरोधी और ‘सामाजिक अपराध’ बताया गया। अब एनडीए नेता भी इसके खिलाफ जाते नजर आ रहे हैं।

JDU नेता केसी त्यागी ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत पूरे देश में कांवड़ यात्राएं निकाली जाती हैं, लेकिन कभी कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं हुआ. अगर कोई असामाजिक तत्व हैं, तो पुलिस उनसे निपटने में सक्षम है. केसी त्यागी का कहना है कि धार्मिक स्तर पर सीमांकन सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में केसी त्यागी ने कहा,

“पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसी जगहें हैं, जहां 30-40% आबादी मुस्लिम है. यात्रा वहीं से गुजरती है. तीर्थयात्रियों के लिए कांवड़ बनाने और उनके लिए भोजन की व्यवस्था करने में मुस्लिम लोग शामिल होते हैं. ऐसा कोई संदेश नहीं जाना चाहिए जिससे सांप्रदायिक विभाजन पैदा हो. क्या यात्रा के रास्ते में कभी कोई दंगा हुआ है?”

इसके अलावा बिहार का बांका और भागलपुर भी कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के रूट में पड़ता हैं. इन दोनों इलाकों के सांसदों ने भी यूपी सरकार के आदेश पर सवाल उठाए हैं. बांका से जेडीयू सांसद गिरिधारी यादव ने कहा है कि उन्हें कोई ‘हिंदू-मुस्लिम मामला’ नहीं पता. बिहार में हिन्दू -मुसलमान एक साथ रहते हैं. हम मुस्लिम त्योहारों में शामिल होते हैं और वे भी हमारे धर्म का सम्मान करते हैं. वहीं, जब भागलपुर से जेडीयू सांसद अजय कुमार मंडल से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिन्होंने यह आदेश जारी किया है, उनसे पूछिए. वे इस मामले पर क्या कह सकते हैं. पश्चिमी यूपी में खासा प्रभाव रखने वाली RLD ने भी मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर सवाल उठाए हैं. RLD प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था तो मिलनी चाहिए, लेकिन दुकानों पर अपना नाम प्रदर्शित करने के लिए मजबूर करने की जरूरत नहीं है. यह प्रशासन का काम नहीं है.

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भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी एक्स पर पोस्ट किया। इसमें उन्होंने अधिकारियों के आदेश की आलोचना की। इसके साथ ही नकवी ने पिछली पोस्ट पर उन्हें ट्रोल करने वालों को भी कड़ा संदेश दिया। उन्होंने लिखा,

“अरे ट्रोलर टट्टुओं…कम से कम मुझे कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के सम्मान और श्रद्धा के प्रमाण पत्र तो मत बांटो, मेरा हमेशा से मानना ​​है कि किसी भी आस्था को असहिष्णुता और छुआछूत की गिरवी नहीं रखना चाहिए।”

https://youtu.be/U-CyNzy6jIs?si=DLKuQ4IihYldECJk

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