Two men can give birth to a child together: बच्चे को जन्म देने के लिए एक औरत के एग और पुरुष के स्पर्म की जरूरत होती है। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि अब एक ही लिंग के 2 व्यक्तियों के डीएनए से भी एक बच्चे को जन्म दिया जा सकते है तो क्या आप विश्वास करेंगे? नहीं ना लेकिन अब विश्वास करना पड़ेगा ऐसा अमेरिका के साइंटिस्ट का कहना है। अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पहली बार मानव त्वचा कोशिकाओं से डीएनए लेकर भ्रूण तैयार किया है, बिना किसी जैविक मां के। इसका मतलब? दो पुरुष अब आनुवंशिक रूप से अपना बच्चा पैदा कर सकते हैं! आइए जानते हैं इस खोज की पूरी प्रोसेस के बारे में।
अमेरिका के OHSU के वैज्ञानिकों ने की अद्भुद खोज
यह खोज ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (OHSU) के वैज्ञानिकों ने की है, जिनकी अगुवाई प्रोफेसर शौखरात मितालिपोव ने की। उन्होंने त्वचा कोशिकाओं से डीएनए निकालकर एक डोनर अंडे में डाला, फिर एक खास प्रक्रिया ‘माइटोमियोसिस’ से गुजारा। यह प्रक्रिया कोशिकाओं को विभाजित करके आधे गुणसूत्र छोड़ देती है, जैसे प्राकृतिक अंडे में होता है। इसके बाद, दूसरे पुरुष के शुक्राणु से निषेचन किया गया। नतीजा? 82 सफल अंडों में से कुछ ने शुरुआती भ्रूण का रूप ले लिया।
हालांकि, ये भ्रूण अभी सिर्फ 6 दिनों तक ही विकसित हुए हैं और जन्म के लिए तैयार नहीं। सफलता दर सिर्फ 9% है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 10 सालों में यह तकनीक परिपक्व हो सकती है। प्रोफेसर पाउला अमाटो कहती हैं, “यह खोज न सिर्फ बांझपन से जूझ रहे लाखों जोड़ों के लिए उम्मीद है, बल्कि समलैंगिक जोड़ों को भी दोनों पार्टनरों का आनुवंशिक बच्चा देने की सुविधा देगी।”
खोज बना समलैंगिक जोड़ों के लिए वरदान
दो पुरुषों का जोड़ा, जहां एक की त्वचा कोशिकाओं से अंडा बनाया जाए और दूसरे के शुक्राणु से निषेचित हो। कोई जैविक मां नहीं, फिर भी बच्चा दोनों का अपना! यह ‘इन विट्रो गैमेटोजेनेसिस’ तकनीक का हिस्सा है, जो कैंसर या उम्र से प्रभावित बांझपन को दूर कर सकती है। लेकिन चुनौतियां भी हैं – गुणसूत्रों में असंतुलन से बीमारियां हो सकती हैं।