Bhopal MP News; मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा द्वारा बैरसिया विकासखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को देखने के लिए मैदानी स्वास्थ्य संस्थाओं, सिविल अस्पताल एवं क्षेत्र की निजी स्वास्थ्य संस्थाओं का निरीक्षण किया गया। सिविल हॉस्पिटल बैरसिया के निरीक्षण के दौरान डॉ. शर्मा ने साफ-सफाई व्यवस्था, पैथोलॉजी, एक्स-रे यूनिट, आईपीडी, दवा वितरण, एनबीएसयू, लेबर रूम, पोषण पुनर्वास केंद्र इत्यादि का निरीक्षण किया।
सीएमएचओ द्वारा बैरसिया क्षेत्र में संचालित निजी स्वास्थ्य संस्थाओं की जांच भी की गई। इस दौरान बचपन डे केयर में डॉ. पुष्पेंद्र चौकीकर प्रैक्टिस करते हुए पाए गए। डॉ. चौकीकर सिविल अस्पताल बैरसिया में शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ हैं। सीएमएचओ ने बिना अनुमति एवं सूचना के निजी संस्था में प्रैक्टिस करने पर डॉ. चौकीकर को नोटिस जारी कर मुख्यखंड चिकित्सा अधिकारी को संबंधित डॉक्टर की उपस्थिति, इमरजेंसी ड्यूटी, अवकाश इत्यादि की जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं।
शासकीय चिकित्सक की सेवाएं निजी संस्था द्वारा लिए जाने पर बचपन डे केयर सेंटर को मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण एवं अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 एवं अधिनियम 1997 (यथा संशोधित) 2021 के तहत नोटिस जारी किया गया है। इसके पहले सीएमएचओ ने ग्राम गोलखेड़ी में आयोजित ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण सत्र का निरीक्षण कर टीकाकरण सहित विभिन्न मैदानी स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली।
वीएचएनडी सत्र में देर से पहुंचने पर उप स्वास्थ्य केंद्र रायपुर की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को कारण बताओ नोटिस दिया गया। सिविल अस्पताल बैरसिया के निरीक्षण के दौरान डॉ. मनीष शर्मा ने सीबीएमओ डॉ. पुष्पा गुरु को निर्देशित किया कि प्रसव की संभावित तिथि से एक सप्ताह पूर्व या गर्भावस्था के 37 सप्ताह पूर्ण होने के बाद जटिलता की गंभीरता को कम करने के लिए अस्पताल में बर्थ वेटिंग रूम स्थापित किया जाए। साथ ही इन महिलाओं की जांच, भोजन, परिवहन, दवाइयों सहित सभी सेवाएं निशुल्क दिए जाने के लिए निर्देशित किया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि सिविल हॉस्पिटल बैरसिया द्वारा इस क्षेत्र की ग्रामीण आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जा रही है। निरीक्षण के दौरान निजी स्वास्थ्य संस्था में प्रैक्टिस करते पाए जाने पर डॉ. पुष्पेंद्र चौकीकर के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए वरिष्ठ कार्यालय को प्रस्ताव प्रेषित किया जा रहा है। साथ ही निजी स्वास्थ्य संस्था को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।