एस्ट्रोलोजर्स ही नहीं, अब AI भी बताएगा भविष्य भविष्यवाणी के बदलते आयाम और तकनीक का हस्तक्षेप

AI Astrologers In Hindi

AI Astrologers In Hindi: हमेशा से ही हम अपने भविष्य को जानने की कोशिश करते आए हैं। हमने कभी अपनी हथेली की आड़ी-तिरछी रेखाओं में भाग्य तलाशा तो कभी ग्रह-नक्षत्रों की चाल से जीवन की दिशा समझने या बदलने का प्रयास किया।

भारत में तो ज्योतिष शास्त्र यानी Astrology केवल एक परंपरा नहीं बल्कि एक विज्ञान की तरह विकसित हुआ है। लेकिन अब भविष्यवाणी के इस अदभुत और रहस्यमय क्षेत्र में एक नया खिलाड़ी भी उतर आया है जिसका नाम है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, यानी कि एआई।

अभी तक तो हम-आप अपनी किस्मत के डूबते-उतराते सितारों की चाल समझनें ज्योतिष,अंक गणित या टैरोकार्ड का सहारा लेते रहे हैं लेकिन अब एआई एप घर बैठे कहीं भी कभी भी एआई के जरिए अपना भविष्य जानो सकते हैं लेकिन उससे पहले कुछ जरूरी जानकारी लेना अच्छा होगा इसलिए आइए सबसे पहले जानें एआई कैसे बताता है भविष्य।

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एआई कैसे करता है भविष्यवाणी ?

दरअसल एआई मशीनों को इंसानों जैसी सोच और विश्लेषण क्षमता देने वाली तकनीक है। यह विशाल मात्रा में डेटा को पढ़कर, उसमें से अलग-अलग पैटर्न्स यानी रुझान खोजकर संभावनाओं का अनुमान लगाता है।

जैसे कुछ उदाहरण हैं

  • फाइनेंस क्षेत्र के लिए – एआई शेयर बाजार में निवेश की सलाह देता है।
  • हेल्थकेयर के लिए :- बताता है कि किसी व्यक्ति को किस बीमारी का खतरा कब हो सकता है।

करियर और शिक्षा के लिए :- एआई छात्रों के रूझानों के आधार पर भविष्य का सबसे उपयुक्त क्षेत्र के लिए सुझाव देता है।

एआई यानी मॉर्डन ज्योतिषी

वर्तमान में बढती डिमांड के चलते एआई ज्योतिष, जन्म आधारित कुंडली, ग्रह-नक्षत्र डेटा, धार्मिक दृष्टिकोण, आध्यात्मिक दृष्टिकोण, तार्किक विश्लेषण,व वैदिक सूत्रों के मुताबिक, आमप्रवित्तियों सहित तो एआई विष्लेषण करता ही है लेकिन अब ये पर्सनल डेटा पर भी काम कर रहा है।

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क्या एआई भविष्यवाणी में ज्योतिष की जगह ले सकता है ?

यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि एआई ज्योतिष का स्थान ले लेगा, क्योंकि ज्योतिष में जहां एक ओर आध्यात्मिक पक्ष होता है वहीं एआई पूरी तरह तार्किक और विश्लेषणात्मक है। परंतु यह जरूर कहा जा सकता है कि भविष्य को समझने की कोशिश में अब इंसान के पास दो विकल्प होंगे जिसमें पहला पारंपरिक और दूसरा आधुनिक तकनीकी प्लेटफार्म यानी एआई ऐप।

विशेष :- आज का युग तकनीक का है और ऐसे में यह ज़रूरी है कि हम एआई को भी समझें और उसकी सीमाओं और क्षमताओं को पहचानें। भविष्यवाणी अब केवल ग्रहों की चाल पर नहीं, डेटा की चाल पर भी निर्भर होने लगी है। एआई न तो ज्योतिष को नकारता है, न ही उसे बदलता है, बल्कि यह भविष्य को देखने का एक नया नजरिया पेश करता है और इसे ऐसे ही स्वरूप में हमें अपनाना होगा।

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