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मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक!

tamilnadu mandir

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याचिकाकर्ता सेंथिलकुमार की मांग थी कि अरुलमिगु पलानी धनदायुथापानी स्वामी मंदिर और अन्य मंदिरों में सिर्फ हिंदुओं को जाने की अनुमति दी जाए. वह यह भी चाहते थे कि सभी एंट्री गेट पर इस संबंध में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं। याचिकाकर्ता को स्वीकार करते हुए, अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे मंदिरों के एंट्री गेट, ध्वजस्तंभ के पास और मंदिर के प्रमुख स्थानों पर ‘गैर हिन्दुओं को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है’ वाले बोर्ड लगाए।

मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है

Non-Hindus are prohibited from entering the temple: मद्रास हाईकोर्ट ने 30 जनवरी को तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया कि मंदिरों में ऐसे बोर्ड लगाने चाहिए, जिसमें लिखा हो कि गैर हिंदुओं को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है. कोर्ट ने कहा कि मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट नहीं है कि कोई भी घूमने चला जाए. हिंदुओं के अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का मौलिक अधिकार है. हाईकोर्ट की मदुरै बेंच की जस्टिस एस श्रीमथी (Justice S Srimathi) ने डी सेंथिलकुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। सेंथिलकुमार पलानी हिल टेंपल डिवोटिज ऑर्गेनाइजेशन के संयोजक हैं.

मंदिरों में सिर्फ हिंदुओं को एंट्री

याचिकाकर्ता सेंथिलकुमार की मांग थी कि, अरुलमिगु पलानी धनदायुथापानी स्वामी मंदिर और अन्य मंदिरों में सिर्फ हिंदुओं को जाने की अनुमति दी जाए. वह यह भी चाहते थे कि सभी एंट्री गेट पर इस संबंध में डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं। याचिकाकर्ता को स्वीकार करते हुए, अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वे मंदिरों के एंट्री गेट, ध्वजस्तंभ के पास और मंदिर के प्रमुख स्थानों पर ‘गैर हिन्दुओं को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है’ वाले बोर्ड लगाए।

गैर हिंदुओं को लेना होगा वचन

कोर्ट ने कहा कि सरकार मंदिरों में उन गैर-हिंदुओं को अनुमति ने दें जो हिंदू धर्म में विश्वास नहीं करते हैं. यदि कोई गैर-हिंदू मंदिर में दर्शन करना चाहता है तो उसे वचन लेना होगा कि उसे मंदिर के देवता में विश्वास है और वह हिंदू धर्म के रीति-रिवाज और प्रथाओं का पालन करेगा। कोर्ट ने फैसले में कहा कि मंदिर कोई पिकनिक स्पॉट या पर्यटन नहीं है. भले ही वह ऐतिहासिक हो. मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि मंदिर संविधान के अनुच्छेद 15 के अनुसार नहीं आते. इसलिए किसी मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को रोकने को गलत नहीं कहा जा सकता है.

आखिर क्यों उठा ये मुद्दा

हाईकोर्ट ने मंदिरों में गैर-हिंदुओं के घुसने की हालिया घटनाओं का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि हाल ही में अरुलमिघु ब्रहदेश्वर मंदिर में दूसरे धर्म से संबंधित लोगों के समूह ने मंदिर परिसर को पिकनिक स्थल के रूप में माना था और मंदिर परिसर के अंदर मांसाहारी भोजन किया था. इसके अलावा 11 जनवरी को एक अख़बार ने खबर दी थी कि मुस्लिम समाज के कुछ लोग मदुरै के अरुलमिघु मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर के गर्भगृह में कुरान लेकर जा पहुंचे और वहां नमाज पढ़ने का प्रयास कर रहे थे.

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