जानकारी के लिए बता दें कि साल 2010 में केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार द्वारा नो डिटेंशन पॉलिसी (NO DETENTION POLICY) लाई गई थी
NEW DELHI: केंद्र सरकार ने 5वीं और 8वीं कक्षा के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी (NO DETENTION POLICY) को हटा दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब कक्षा 5 और 8 में पढ़ने वाले छात्रों को फेल किया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि साल 2010 में केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार द्वारा नो डिटेंशन पॉलिसी (NO DETENTION POLICY) लाई गई थी। अब मोदी सरकार ने इसे खत्म कर दिया है।
सपा प्रमुख का जोरदार पलटवार
वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले पर सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जोरदार पलटवार किया है। अखिलेश ने बीजेपी सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फेसबुक पर पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश यादव ने लिखा कि छात्रों की असफलता के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे ख़राब शिक्षण-परीक्षण व्यवस्था, उनकी सामाजिक स्थिति या आर्थिक स्थिति शामिल है।
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NO DETENTION POLICY यानी बच्चों पर ज्यादा दबाव
बच्चों पर पास होने के लिए मानसिक दबाव देना ठीक नहीं है। अखिलेश ने कहा कि हर पहलू पर विचार करने के बाद ही बच्चों के लिए ऐसा फैसला लेना चाहिए। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि बीजेपी सरकार को ये फैसला (NO DETENTION POLICY) वापस लेना चाहिए। सपा प्रमुख ने कहा कि सच तो यह है कि जो बच्चे उत्तीर्ण नहीं हो पाते उनकी व्यक्तिगत समस्याओं को समझने के लिए विशेष प्रयास और अतिरिक्त शिक्षण होना चाहिए। साथ ही सरकार को बड़ी सोच रखनी चाहिए।
NO DETENTION POLICY का पड़ेगा असर
मोदी सरकार के इस फैसले पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार ने बच्चों के सीखने के परिणामों में सुधार लाने के इरादे से यह कदम उठाया है। सरकार के इस फैसले का असर केंद्र सरकार के अधीन चलने वाले करीब 3 हजार स्कूलों पर पड़ेगा। इनमें केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय और सैनिक स्कूल शामिल हैं।
अगली कक्षा में प्रमोट नहीं हो पाएंगे
नो डिटेंशन पॉलिसी (NO DETENTION POLICY) के तहत कक्षा 1 से 8 तक के किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जा सकेगा। हालांकि, अब इन छात्रों को फेल किया जा सकता है। साथ ही फेल छात्रों को 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। अगर इसमें भी छात्र फेल हो जाते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया सकेगा।